हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया। विपक्ष की तरफ़ से,मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी व इंद्रदत्त लखनपाल ने स्थगन प्रस्ताव के तहत आउटसोर्स का मामला उठाया इनके लिए नीति बनाने की मांग उठाई। विधानसभा अध्यक्ष कहते रहे कि इस पर उन्होंने बोलने की इजाज़त नही दी। जो नोटिस विपक्ष ने दिया है उस पर व्यवस्था देंगे। लेकिन विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि चोर दरवाजे से सरकार भर्तियाँ कर रही है। नियमित भर्तियाँ सरकार कर नही रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को समझाते हुए बताया कि नियम 67 के तहत उनकी तरफ़ से चर्चा आई है। जिसमें नियुक्तियों में हो रही धांधलियों व चोर दरवाज़े से हो रही भर्तियों को लेकर नोटिस दिया है। लेकिन इस पर आने वाले दिनों में नियम 130 के तहत चर्चा होनी है इसलिए प्रस्ताव को अस्वीकार किया जाता है।
जिसपर विपक्ष सदन में नारेबाज़ी करना शुरू कर दिया। शोर शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इधर प्रश्नकाल चलता रहा उधर विपक्ष के तरफ़ से नारेबाज़ी जारी रही और उसके बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि सरकार मुख्यमंत्री और महेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में ही भर्तियां कर रही है जबकि प्रदेश में डिग्री धारक युवा घूम रहे हैं। सरकार भाजपा की विचारधारा से जुड़े लोगों को चिटों पर नौकरियां दे रही हैं।सरकार को नहीं भूलना चाहिए कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला भी इसी तरह के मामले में जेल में सजा काट चुके हैं।