हिमाचल में दवाओं के सैम्पल फेल होने पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने लिया कड़ा संज्ञान। 

उन्होंने कहा कि जो उद्योग देश के नागरिकों के स्वास्थ्य से खेल रहे है उन्हें किसी भी हालत में बक्शा नहीं जाएगा।  उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।  आप को बता दें कि हिमाचल दवा उत्पादकों का सबसे बड़ा हब है।  यहाँ से न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी दवाएं निर्यात होती है।  हिमाचल प्रदेश की आय का बहुत बड़ा साधन दवा उद्योग है। यहाँ पर बनी जीवन रक्षक दवाएं हमेशा मांग पर रहती है। लेकिन अब इन उच्च गुणवत्ता वाली जीवन रक्षक दवाओं पर भी सवाल उठने लग गए है।  क्योंकि  हर माह दवाओं के सैम्पल फेल  हो रहे है।  पिछले माह ही करीबन 13 सैम्पल फेल पाए गए थे।  यह फेल हुए सैम्पल दवा की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह उठा रहे है।  लेकिन विभाग इन कंपनियों को नोटिस दे कर या जुर्माना लगा का इतिश्री कर रहा है।
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि जिन दवा कंपनियों के सैंपल फेल हो रहे है उन पर उचित सख्त कार्रवाई की जाएगी।  उन्होंने कहा कि अगर किसी दवा कम्पनी के अधिक सैम्पल फेल होंगे उसका लाइसेंस तक रद्द कर दिया जाएगा।  जिसकी वजह से वह दोबारा से दवा का उत्पादन नहीं कर पाएंगे।  उन्होंने कहा कि  दवा उत्पादकों को नोटिस भी दिए जा रहे है और सख्त कार्रवाई भी अमल में लाइ जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बक्शी नहीं जाएगी।