आसमान से बरस रही आग, लू के थपेड़े कर रहे परेशान
हिमाचल प्रदेश में सूरज की किरणें आग उगल रही हैं। तापमान में उछाल आने से प्रदेश के मैदानी इलाकों के साथ साथ पहाड़ों पर भी गर्मी ने लोगों को झुलसा कर रख दिया है। तापमान में उछाल आने के चलते प्रदेश के मैदानी इलाके भट्टी की तरह तप रहे हैं। पहाड़ों पर भी गर्मी ने लोगों को घरों में कैद कर रख दिया है। रविवार का दिन प्रदेश में इस समर सीजन का सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया है। ऊना का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। कांगड़ा का तापमान भी 41 डिग्री से पार हो गया है। वहीं बिलासपुर और चंबा का तापमान भी 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। यहां पर तापमान 39 डिग्री से अधिकांश आ गया है। प्रदेश के मैदानी इलाकों के साथ साथ-साथ पहाड़ों पर भी अब गर्मी जमकर पसीने छुड़ा रही है।
राजधानी शिमला की बात करें तो शिमला का अधिकतम तापमान भी 30 डिग्री के पार हो गया है। इसके अलावा कुल्लू, धर्मशाला, मंडी में भी गर्मी रौद्र रूप दिखा रही है। अधिकतम तापमान में शनिवार के मुकाबले 2 डिग्री तक का उछाल रिकॉर्ड किया गया है। प्रदेश में दिन के साथ-साथ में रात के समय भी लोगों को गर्मी के कहर का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के कई स्थानों पर रात का तापमान भी 25 डिग्री के पार हो गया है। मौसम विज्ञान के केंद्र की माने तो प्रदेश में आगामी 2 दिनों के दौरान तूफान बारिश-ओलावृष्टि होगी। इसके लिए विभाग ने अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में अगर बारिश होती है लोगों को गर्मी से निजात मिल सकती है।
आज और कल बारिश-ओलावृष्टि का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 16 व 17 मई को भारी बारिश के साथ फिर से ओलावृष्टि होने का अलर्ट जारी किया गया है। इसके तहत शिमला, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर, धर्मशाला सहित चंबा में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तूफान चलने का भी अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि राज्य के अधिकतर क्षेत्रो ंमें रविवार को दिन के समय मौसम शुष्क बना रहा। तेज धूप के खिलने से अधिकतम तापमान में फिर से बढ़ोतरी हुई है। मगर प्रदेश में शनिवार को दिन सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया था। वहीं रविवार को भी तेज धूप खिली रही।
ओलावृष्टि और बढ़ा सकती है परेशानी
बागवानी पर फिर से काले बादल मडऱाने लगे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने फिर से भारी बारिश व ओलावृष्टि होने का अलर्ट जारी किया है। राज्य में पहले से ही सूखे, तूफान व ओलावृष्टि से बागवानी को करोड़ों की चपत लग चुकी है। ऐसे में अब फिर से ओलावृष्टि और तूफान का अलर्ट जारी किया गया है। अगर फिर से ओलावृष्टि होती है तो बागवानों को और नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। मौजूदा समय में प्रदेश में कई स्टोन फू्रट की फसलें तैयार हो गई हैं। कई स्थानों पर इन फसलों का तुड़ान शुरू हो चुका है। तो कहीं यह फसले जल्द तैयार होने वाली हैं। ऐसे में बारिश, तूफान व ओलावृष्टि से फसलोंं को काफी नुकसान हो सकता है।