हो रही है King Of Indian Roads एंबेसडर की वापसी, 2014 में हुई बाजार से गायब, नए रूप में वापसी

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एक समय था जब एंबेसडर गाड़ियां शान की सवारी मानी जाती थीं. किसी गांव,गली,मोहल्ले में एंबेसडर गाड़ियों के आने का मतलब यही होता था कि कोई बड़ी हस्ती आई है. और तो और प्रधानमंत्री से लेकर डीएम, एसडीएम तक इस गाड़ी की सवारी करते थे. समय के साथ जैसे-जैसे आधुनिक गाड़ियों ने बाजार पर कब्ज़ा किया वैसे वैसे इसकी मांग घटती गई और फिर 2014 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया. 

एंबेसडर की होगी वापसी 

Hindustan Motors eyes comeback as EV manufacturer. Wikipedia

लेकिन अब खबर ये है कि बहुतों की पसंदीदा ये शान की सवारी एक बार फिर से वापसी कर रही है. जी हां, मीडिया रिपोर्ट्स के आनुसार एंबेसडर बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान मोटर्स कथित तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में प्रवेश करके वापसी करने की योजना बना रही है.

अभी के दौर में ऑटो इंड्स्ट्री में आई क्रांति के बीच अधिकांश प्रमुख कंपनियां इलेक्ट्रिक सेगमेंट में प्रवेश करने की सोच को मजबूत कर रही हैं. भले ही इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग अभी भी एक प्रारंभिक चरण में है लेकिन इसके बावजूद खबर है कि एंबेसडर निर्माता हिंदुस्तान मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ भारत में वापसी करने की योजना बना रही है.

मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो भारत की पहली कार निर्माता, हिंदुस्तान मोटर्स ने ईवी उद्योग की एक यूरोपीय ऑटो कंपनी के साथ हाथ मिला कर संयुक्त उद्यम में प्रवेश करके अपने व्यवसाय को फिर से खड़ा करने का मन बनाया है. 

1957 में हुई थी लॉन्च 

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हिंदुस्तान मोटर्स ने 1957 में ब्रिटिश मोटर कंपनी की पॉपुलर कार Morris Oxford Series 3 से प्रेरित हो एंबेसडर लॉन्च की थी. इस कार का उत्पादन उत्तरपारा के प्लांट में ही शुरू हुआ और 58 साल बाद अपने अंतिम दिन तक ये इसी प्लांट में बनी.

‘किंग ऑफ इंडियन रोड्स’ कहा जाता था 

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हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर का जलवा ऐसा था कि इसे ‘किंग ऑफ इंडियन रोड्स’ कहा जाता था. ऐसा इसलिए क्योंकि 80 के दशक तक भारत की सड़कों पर इस कार का लगभग एक छत्र राज था. अधिकतर एंबेसडर कारों पर लाल-नीली बत्ती ही लगी होती थी. यह गाड़ी अधिकारियों और नेताओं के पास ज्यादा होती थी इसलिए इसे आम लोगों के बीच ‘शान की सवारी’ माना जाता था. 

ये कार 1.5 लीटर और 2.0 लीटर के पावरफुल डीजल इंजन और 1.8 लीटर के पेट्रोल इंजन के साथ आती थी. इसका इंजन आज के किसी SUV की पॉवर से कम नहीं था. 

इस वजह से रह गई पीछे 

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काफी समय तक भारत की सड़कों की शान रही इस कार की लोकप्रियता को चोट दी मारुति ने. इस कंपनी ने एंबेसडर को टक्कर देने के लिए जापान की सुजुकी मोटर के साथ मिलकर 800cc की सस्ती कार लॉन्च की. जिसका नतीजा ये निकला कि एंबेसडर की मांग कम होने लगी. धीरे धीरे ये कार इतनी पीछे छूट गई कि 2014 में इसका प्रोडक्शन बंद करना पड़ा.