मुजारों के नाम लगी देवताओं की जमीन का देना होगा हिसाब

हाईकोर्ट ने 365 देवी-देवता के कारदारों को जारी किए नोटिस : ओम प्रकाश शर्मा
84,000 बीघा भूमि लगी है मुजारों के नाम
कुल्लू : प्रदेश हाईकोर्ट ने देवी-देवताओं के 365 कारदारों को नोटिस जारी कर दिए हैं और देवी-देवताओं की जमीन का हिसाब न्यायालय में रखने को कहा है। यह बात यहां देव संस्कृति ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी ओम प्रकाश शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं की 84000 बीघा जमीन मुजारों के नाम चली गई है और अब देवी-देवता भूमिहीन हो गए हैं और मुजारों ने देवी-देवताओं की चाकरी करनी छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को सभी कारदारों को हाईकोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं के पक्ष में देव संस्कृति ट्रस्ट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अब देवी-देवताओं को न्याय मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी देवताओं की 21 हजार रजिस्ट्रियां रद्द हुई हैं और हमें उम्मीद है कि यहां भी देवी-देवताओं की जमीन वापिस आएगी। उन्होंने कहा कि कुल्लू में कुछ लोग देवी-देवताओं पर राजनीति कर रहे हैं। भगवान रघुनाथ जी के पास 1938 बीघा जमीन थी, जो 296 मुजारों के नाम लगी है। उन्होंने कहा कि देव संस्कृति में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह सारी जमीन देवताओं के नाम वापिस जानी चाहिए क्योंकि देवता नाबालिग होते हैं और उनकी जमीन किसी के नाम नहीं लग सकती। उन्होंने कहा कि नियमानुसार जब देवता के नाम यह जमीन लगेगी तो मुजारे वही लोग रहेंंगे, जो पहले थे। यदि मुजारे देव चाकरी छोड़ देते हैं तो कारदार उनसे जमीन छीन सकता है और दूसरों को मुजारा बना सकता है, जो देवता की सेवा कर सके। उन्होंने कहा कि यह देवी-देवताओं की ऐतिहासिक जीत है। देव संस्कृति चेरिटेबल ट्रस्ट की दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। उन्होंने समस्त कारदारों को इसमें हाईकोर्ट का सहयोग करना चाहिए क्योंकि कारदार देवताओं का मालिक नहीं है बल्कि रखवाले हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जमीन माता अंबिका की 4450 बीघा मुजारों के नाम लगी है। बंजार के 26 देवताओं की हजारों बीघा जमीन मुजारों के नाम लगी है।