दुनिया की इस नहर में बसती है कई देशों की जान! एक जाम से भारत से लेकर यूरोप तक मच जाता है हड़कंप

Suez Canal Importance : साल 2020 में नहर से करीब 19,000 जहाज गुजरे थे। एवर गिवेन जहाज के फंसने से दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई थी जिसमें कच्चे तेल के दाम भी बढ़ गए थे। तेल व्यापार में स्वेज की भूमिका का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नहर का जाम खुलने के बाद क्रूड ऑयल के दाम 2 फीसदी घट गए थे।

काहिरा : मिस्र में एक नहर है जो पूरब को पश्चिम से जोड़ती है, जहां से दुनिया का व्यापार चलता है और जहां अक्सर सड़क मार्गों जैसा जाम लगता रहता है। बात ‘स्वेज नहर’ या ‘स्वेज कैनाल’ की हो रही है जहां बुधवार को एक टैंकर फंस गया था। अधिकारियों को जब यह पता चला तो उनके होश उड़ गए। आनन-फानन में पांच टग बोट बुलाकर ऑयल टैंकर को निकाला गया। पांच घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद नहर में लगा जाम खुल गया और जहाजों का आवागमन दोबारा शुरू हो गया। पिछले साल एक जहाज करीब एक हफ्ते के लिए नहर में फंस गया था जिसकी वजह से 367 जहाज पानी में ही फंस गए थे। करीब 200 किमी लंबी स्वेज नहर की अहमियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सिर्फ एक हफ्ते के लिए इसका जलमार्ग बाधित होने की वजह दुनिया में महंगाई बढ़ने की नौबत आ गई थी।

पिछले साल मार्च में भारी भरकम मालवाहक जहाज एवर गिवेन हवा से घूम गया था और यहां फंस गया था। यह नहर भूमध्य सागर और लाल सागर को, यूरोप से एशिया को या पूरब को पश्चिम से जोड़ती है जिसका निर्माण 19वीं सदी में हुआ था। यह नहर आर्किटेक्चर का अद्भुत नमूना है जिसका निर्माण 1859 में शुरू हुआ था। इसे बनाने के लिए यूरोप से मजदूर आए थे जिनके बीच कॉलरा की महामारी भी फैल गई थी। 1869 में जब यह बनकर तैयार हुई तो तल में 25 फीट गहरी और 72 फीट चौड़ी और सतह पर 200-300 फीट चौड़ी थी।

दुनिया का 12 फीसदी व्यापार नहर से
साल 1876 से इसे और बेहतर करने का काम शुरू हुआ। इसके बाद इस रास्ते का खूब जोरों-शोरों से इस्तेमाल होने लगा। भौगोलिक रूप से अद्भुत स्वेज नहर व्यापारिक रूप से दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। व्यापार के उद्देश्य से इस नहर का इस्तेमाल करने वाले जहाजों का समय और पैसा दोनों बचते हैं। यह दुनिया के सबसे व्यस्ततम व्यापारिक मार्गों में से एक है जहां से दुनिया का 12 फीसदी व्यापार होता है। पिछले साल जहाज फंसने से जब स्वेज में आवागमन 6 दिनों के लिए रुका तो 9 बिलियन डॉलर प्रतिदिन का नुकसान हुआ।

हर मिनट हुआ 400 मिलियन डॉलर का नुकसान
एक रिपोर्ट के मुताबिक नहर के ब्लॉक होने से 400 मिलियन डॉलर प्रति मिनट का नुकसान हुआ। यही वजह से नहर में जाम लगने से पिछले साल मार्च में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी इसीलिए बुधवार को जब कुछ घंटों के लिए टैंकर नहर में फंसा तो अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। स्वेज नहर तेल के व्यापार का सबसे प्रमुख मार्ग है। दुनियाभर में होने वाले कुल तेल व्यापार का 7 फीसदी इस नहर से ही होता है।

तेल व्यापार का सबसे अहम जलमार्ग
साल 2020 में नहर से करीब 19,000 जहाज गुजरे थे। एवर गिवेन जहाज के फंसने से दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई थी जिसमें कच्चे तेल के दाम भी बढ़ गए थे। तेल व्यापार में स्वेज की भूमिका का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नहर का जाम खुलने के बाद क्रूड ऑयल के दाम 2 फीसदी घट गए थे। कई बार अलग-अलग कारणों से नहर ब्लॉक हो चुकी है। इसमें सबसे कॉमन किसी जहाज का फंसना ही है। साल 2004, 2006 और 2007 में जहाजों के फंसने की वजह से नहर का यातायात कुछ समय के लिए प्रभावित हुआ था। लेकिन 1967 के इजरायल-अरब युद्ध इस नहर के लिए सबसे बुरा दौर था।
जब 8 साल के लिए बंद हो गई नहर
साल 1967 में मिस्र, सीरिया और जॉर्डन जैसी खाड़ी देशों और इजरायल के बीच युद्ध शुरू हो गया। छह दिनों तक चली इस लड़ाई में इजरायल की जीत हुई और अरब का नक्शा बदल गया। लेकिन युद्ध का गहरा असर स्वेज कैनाल पर भी पड़ा जिसमें 15 जहाज फंस गए थे। युद्ध के दौरान एक जहाज डूब गया और बाकी 14 आठ साल तक नहर में ही कैद हो गए क्योंकि अगले आठ साल तक नहर से व्यापार बंद रहा।