पिछले कुछ सालो में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, मशरूम की खेती अछ्सी खासी आमदनी का जरिया बनती जा रही है। बाजार में मशरूम का अच्छा दाम मिल जाता है। अलग-अलग राज्यों में किसान मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, कम जगह और कम समय के साथ ही इसकी खेती में लागत भी बहुत कम लगती है, जबकि मुनाफा लागत से कई गुना ज्यादा मिल जाता है।
मशरूम की खेती (Mushroom Ki Kheti) के लिए किसान किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र या फिर कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण ले सकते हैं। आज हम एक ऐसे ही किसान की बात करेंगे। बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) के नवगछिया के रहने वाले 42 साल के सर्वेश ने करीब 7 साल पहले 200 रुपए उधार लेकर मशरूम की खेती शुरू की थी।
आज उनका यह काम बहुत फैलने फूलने लगा है। हालिया समय में वे 4 प्रकार के मशरूम उगाकर लगभग 10 लाख रुपए सालाना की कमाई कर रहे हैं। बहुत ही गरीब परिवार से आने वाले सर्वेश ने अपनी पॉजिटिव सोच और मेहनत के बल पर क्षेत्र के किसानों के लिए नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। यहां लोग अब उन्हें ‘मशरुम मैन’ (Mushroom Man) के नाम से जानते हैं। वो अब लोगों को मशरुम उत्पादन के लिए ट्रेनिंग भी देने लगे हैं।
बताया जाता है की सर्वेश के पिता भी एक किसान थे। परन्तु खेती से अच्छी कमाई नहीं हो रही थी। इसलिए वो साल 2015 में मजदूरी करने देहरादून चले गए थे। वहां मशरूम की खेती देख अपने घर वापस आ गए और किसी विशेषज्ञ से जानकारी लेने केलिए घूमने लगे।
फिर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का पता मिलने पर वहां पहुंचे और कृषि वैज्ञानिक अनिता कुमारी से संपर्क किया। अनिता कुमारी से मशरुम की खेती की ट्रेनिंग लेने के बाद उन्हें शुरूआती लागत लगाने के लिए कुछ पैसो की जरुरत थी, तो एक रिश्तेदार से 200 रुपए उधर लेकर मशरुम के बीज खरीद लिए।
सर्वेश ने कहरे एक पहचान के स्थानीय निवासी को बताया की उस वक़्त 200 रुपए का जुगाड़ करके खुद से घर में मशरुम उत्पादन शुरु किया था। उत्पादन लगातार बढ़ता गया। आज वे 4 प्रकार का मशरूम उगाने में सक्षम है, जिसमें ओएस्टर, मिल्की, बटर मशरूम और ब्रॉउन बटर मशरूम शामिल है। इस काम से उन्हें हर साल लगभग दस लाख (1000000 Ru) की कमाई हो जा रही है।
उन्होंने आगे बताया की ब्रॉउन बटर मशरूम (Brown Butter Mushroom) का उत्पादन हरियाणा (Haryana) राज्य में बहुतायत में होता है। परन्तु अब भागलपुर सहित पूरे बिहार के लोग इस मशरुम को हासिल कर पा रहे हैं। ब्रॉउन बटर मशरूम की खेती भी अब तक हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में होती थी।
अब इसका स्पॉन मंगाकर 5 क्विंटल कम्पोस्ट में खेती कर रहे हैं। हाल ही में यह मशरुम को 1200 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। आज वे मशरुम उत्पादन करने अपनी स्थिति बेहतर कर पा रहे हैं। वे अन्न किसानो को भी प्रेरित कर रहे हैं।