हिमाचल में शराब से 2132 करोड़ रुपये कमाने वाले आबकारी विभाग का संदेश- ‘नशा नहीं- जिंदगी चुनो’

हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बड़े पैमाने पर राज्य में चिट्टा, चरस और नशीली दवाओं की तस्करी और सेवन हो रहा है. हालांकि, विडंबना की बात यह है कि हिमाचल में शराब कारोबार की निगरानी करने वाला आबकारी विभाग नशे के खिलाफ जागरुकता का संदेश दे रहा है. मंडी में जहरीली शराब कांड के बाद से आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस कांड में सात लोगों की मौत हुई थी.

एंटी ड्रग्स डे पर रविवार को शिमला में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें सीएम जयराम ठाकुर ने भी शिरकत की.

वहीं, हिमाचल में शराब बिक्री से 2131 करोड़ रुपये कमाने वाले आबकारी विभाग के इस आयोजन पर सवाल भी उठ रहे हैं. दरसअल, बीते कुछ माह पहले सरकार ने नई आबकारी नीति (New Excise Policy) के तहत इस वर्ष 2 हजार 131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा. यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है.

एंटी ड्रग्स डे पर रविवार को शिमला में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें सीएम जयराम ठाकुर ने भी शिरकत की. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां राज्य कर एवं आबकारी विभाग और हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड की पहल, ‘नशा नहीं, जिंदगी चुनो’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया जाएगा.

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए एकीकृत नशामुक्ति नीति अपनाई गई है. इसके लिए राज्य सरकार ने नशा निवारण बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग में पुलिस कर्मियों के 73 पद सृजित कर भरे जाएंगे, ताकि आबकारी एनडीपीएस और अन्य नियामक कानूनों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके. उन्होंने कहा कि इससे न केवल सरकार के राजस्व की बचत होगी, बल्कि इससे नशीली दवाओं के खतरे से समग्र रूप से निपटने में भी सहायता मिलेगी. उन्होंने इस अवसर पर आबकारी पुलिस बल की प्रक्रिया का शुभारम्भ भी किया.

जय राम ठाकुर ने कहा कि नशाखोरी के खिलाफ अभियान को जन आंदोलन बनाना समय की मांग है, तभी नशे जैसी बुराई को खत्म किया जा सकता है और युवा पीढ़ी को इस सामाजिक बुराई से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस समय में नशे के खतरे पर अंकुश लगाना चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस विभाग को एक कदम आगे रहने का परामर्श दिया.

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1100 के अन्तर्गत एक विशेष नशामुक्ति हेल्पलाइन भी शुरू की है. राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए मादक पदार्थों की तस्करी को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा है. नशीली दवाओं के खिलाफ रणनीति मुख्य रूप से भांग और अफीम जैसे पौधों से प्राप्त कुछ मादक पदार्थों पर केंद्रित है. राज्य सरकार ने नशा तस्करों और इसके अवैध व्यापार में शामिल लोगों की लगभग 20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.इस अवसर पर नशा निवारण की दिशा में विभिन्न विभागों द्वारा उठाए गए कदमों पर आधारित नशा निवारण बोर्ड की एक लघु फिल्म भी दिखाई गई. आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग यूनुस खान ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इस दिवस को मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.