बिना अनुमति के जेल में बंद बीजेपी नेता से मिलने पहुंचे राज्यमंत्री, खाने-पीने का सामान भी ले गए

मध्यप्रदेश में सतना जिले के बहुचर्चित रामनगर गोली कांड मामले का फैसला 20 साल बाद आया है। मामले में बीजेपी नेता अरुण द्विवेदी समेत 65 लोग नामजद आरोपी बनाए गए थे। वहीं, गुरुवार को अचानक इन कैदियों से मिलने राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल सतना सेंट्रल जेल पहुंच गए, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल
राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल

20 साल पहले हुए सतना के रामनगर गोलीकांड का बीते दिन यानी बुधवार को फैसला आया, जिसमें 49 आरोपियों को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई। सभी आरोपी सतना सेंट्रल जेल में बंदी हैं। गुरुवार को अचानक इन कैदियों से मिलने राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल सतना सेंट्रल जेल पहुंच गए, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

बता दें कि दिलचस्प बात यह रही कि मंत्री जी अकेले नहीं बल्कि अपने साथ उन कैदियों के लिए खाद्य और अन्य सामग्री भी लाए थे, जिन्हें माननीय न्यायालय ने दोसी करार देकर कड़ी सजा सुनाई है। मामले पर जब उनसे सवाल किया गया तो मंत्री जी गोल-मोल जबाब देते नजर आए और गोलीकांड के मुल्जिमों से मिलने पहुंचने की बात से इनकार कर दिया। उन्होंने अचानक जेल पहुंचने का कारण भी घुमाकर बताया। उन्होंने कहा कि वे जेल का निरीक्षण करने पहुंचे हैं, जबकि उनके साथ जिले का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था, बिना किसी प्रोटोकाल के निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री जी ने कहा कि वे व्यवस्थाओं का जायजा करने आए थे।

बीजेपी नेता से मिलने पहुंचे राज्यमंत्री
उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद 15 महीने जेल में सजा काट चुके हैं। इसलिए जेल से उनका पुराना नाता है। जब भी उन्हें जेल की याद आती है वे चले आते हैं। बिना कोई पूर्व सूचना के जेल पहुंचने के सवाल पर बताया गया कि उन्होंने सतना कलेक्टर को मौखिक सूचना दी थी। मामले पर नियमों की बात करें तो सिर्फ शासकीय समदर्शक ही जेल का निरीक्षण कर सकते हैं।

साथ ही जिस क्षेत्र में जेल है, उस क्षेत्र के विधायक और सांसद को ही निरीक्षण का अधिकार होता है। शेष को कलेक्टर या अन्य विधिक अधिकारियों से या शासन से अनुमति लेने के बाद ही निरीक्षण का अधिकार होता है। इस बात से जेल अधिकारी भी इत्तफाक तो रखते हैं। लेकिन मंत्री जी के इस निरीक्षण को उन्होंने कलेक्टर को मौखिक आदेश देने की बात कहकर खुद को किनारे कर लिया।