सोलन के कोटला नाला में, एक बार फिर माँ की ममता ,शर्मसार हुई है। जहाँ एक माँ द्वारा केवल 3 घंटे के ,नवजात शिशु को मंदिर के दरवाजे पर ,छोड़ दिया गया । नवजात की किस्मत अच्छी थी कि, सुबह मंदिर में माथा टेकने , भक्तों ने नवजात शिशु को देख लिया। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस दी , जिसके बाद नवजात को सुरक्षित तरीके से, जिला अस्पताल लाया गया। नवजात शिशु को फिलहाल , सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है। चिकित्स्कों के अनुसार ,यह शिशु बिलकुल स्वास्थ्य है। देखा गया है कि, ज़्यादा तर इस तरह की घटनाएं, अवैध संबंधों के कारण होती है। जिसका खामियाजा, उस संतान को उठाना पड़ता है जिसने अभी ,ठीक से आँखे भी खोली नहीं होती।
अधिक जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी, ब्रह्मानन्द ने बताया कि ,वह सुबह 6 बजे मंदिर आए तो वहां, बहुत से भक्त इक्क्ठे थे। उन्होंने बताया कि, मंदिर की सीढ़ियों में एक नवजात शिशु तोलिये, में लिपटा पड़ा है। उन्होंने तुरंत इस शिशु की खबर, पुलिस को दी। उन्होंने बताया कि ,बच्चे को तोलिये में लपेट कर ,मंदिर के दरवाजे पर कोई सुबह 4 बजे छोड़ गया है। उन्होंने बताया कि, सुबह ठंड होने की वजह से ,बच्चे का शरीर भी ठंडा पड़ चुका था। उन्होंने तुरंत ,हीटर का इंतज़ाम किया। उन्होंने कहा कि,अगर कुछ समय तक , शिशु पर किसी की नज़र नहीं जाती तो ठंड के कारण ,शिशु की जान भी जा सकती थी। पंडित ने इच्छा जताई कि, वह इस बच्चे को गोद लेना चाहते है, और सबसे पहले बच्चे, पर हक उन्ही का है। उन्होंने प्रशासन से भी, आग्रह किया है कि जो भी, महिला इस तरह का कार्य करती है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी, अमल में लाई जानी चाहिए।