बेटे की मौत से पसरा मातम, सदमे में पिता और मां का रो-रोकर बुरा हाल, मशीन में कटकर गई जान

मौके पर जमा भीड़

मेरठ में गंगानगर के गांव मसूरी में गम का माहौल है। जहां बेटे की मौत से पिता सदमे में है तो वहीं मां का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया गया कि मृतक निखिल चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था।

मशीन में कटकर किशोर की मौत
मवाना रोड स्थित मसूरी गांव के पास प्लास्टिक रिसाइकल करने वाली फैक्टरी के सुपरवाइजर की लापरवाही के चलते मशीन से कटकर किशोर की मौत हो गई। वह मशीन के डपलर पर काम करता था। किशोर की मौत के बाद ग्रामीणों ने फैक्टरी के गेट पर धरना देते हुए 30 लाख रुपये मुआवजे की मांग की। इस दौरान तीन थानों की पुलिस व विशेष बल मौके पर बुलाना पड़ा। वहीं 18 लाख 25 हजार रुपये के मुआवजे के रूप में चेक मिलने पर हंगामा बंद हुआ।

मौके पर जमा भीड़
लावड़ चौकी क्षेत्र के महल गांव निवासी 15 वर्षीय निखिल पुत्र अजय कुमार इंचौली क्षेत्र के मसूरी गांव के पास ईकोकेयर वेंचर प्राइवेट लिमिटेड में चार माह से मजदूरी कर रहा था। यह फैक्टरी टीपी नगर क्षेत्र निवासी संजय सचदेवा की है। इस फैक्टरी में प्लास्टिक को रिसाइकिलिंग का काम होता है। परिजनों के मुताबिक, निखिल गांव के सुलतान के साथ आता था। गुरुवार को वह साइकिल से फैक्टरी पहुंच गया।

परिजनों के अनुसार सुपरवाइजर समर ने निखिल से कहा कि बिजली गई हुई है, मैं पावर कट करा रहा हूं, तुम मशीन का टेंक साफ कर दो। जिसके बाद निखिल मशीन के टेंक में घुस गया और सफाई करने लगा। इस बीच सुपरवाइजर पावर कट कराना भूल गया। तभी बिजली आ गई और मशीन चालू हो गई। आसपास के मजदूर दौड़े और मशीन बंद कराई। तब तक निखिल का शव क्षत-विक्षत हो चुका था।

जांच करती टीम
इसके बाद सुलतान ने निखिल के परिजनों को मामले की जानकारी दी। सूचना पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने फैक्टरी मालिक को मौके पर बुलाने व 30 लाख रुपये की मुआवजे की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए।

हंगामा देख मवाना और गंगानगर पुलिस को भी बुला लिया गया। सुबह आठ बजे से बैठे ग्रामीणों को 12 बज गए। उसके बाद वार्ता शुरू हुई। फैक्टरी मालिक की ओर से विशाल जैन पहुंचे घंटों चली वार्ता में परिजन 18 लाख 25 हजार रुपये के मुआवजे पर सहमत हुए। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, पुलिस ने सुपरवाइजर समर को हिरासत में ले लिया।

meerut crime news
भाई-बहनों में सबसे बड़ा था निखिल
राज मिस्त्री पिता अजय कुमार के मुताबिक, 15 वर्षीय निखिल आठवीं तक पढ़ा था। वह चार भाई-बहन लविश, जानवी, आरवी में सबसे बड़ा था, मां सरीता गृहणी है। करीब 3-4 माह से यहां फैक्टरी में काम करता था, उसे दस हजार रुपये तख्वाह मिलती थी।

एसडीएम सदर ने परिजनों से ली जानकारी
घटना की जानकारी पर एसडीएम सदर आजस्वी राज मौके पर पहुंचे और परिजनों से मामले की जानकारी लेते हुए, हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

मेरठ पुलिस।

किशोर को नौकरी करने की इजाजत
सूचना पर पहुंचे लेबर अधिकारी अरविंद कुमार और आलोक रंजन ने भी परिजनों से पूछताछ की। लेबर ऑफिसर आलोक रंजन के मुताबिक, 14 साल के बाद 18 साल तक उम्र वाले किशोर श्रेणी में आते हैं, यह पढ़ाई के साथ नौकरी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुआवजे के लिए परिजनों की ओर से पत्र भेजने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, फैक्टरी मामले में जांच की जाएगी।

बच्चा किसी से मिलने आया था
फैक्टरी मालिक संजय सचदेवा की ओर से पहुंचे विशाल जैन ने बताया कि बच्चा फैक्टरी में काम नहीं करता, वह किसी से मिलने आया था। उसी दौरान वह मशीन की चपेट में आ गया। परिजनों को 18 लाख 25 हजार रुपये का मुआवजे का चेक दे दिया गया है।