
कानपुर में नौबस्ता पुलिस ने शुक्रवार को भिखारी गैंग के शिकार हुए सुरेश मांझी का कांशीराम अस्पताल में मेडिकल कराया। इसके बाद उसका बयान दर्ज कर लिया। इधर पुलिस कमिश्नर ने भिखारी गैंग के सरगना की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमे गठित कर एक टीम को दिल्ली रवाना कर दी है। सरगना की गिरफ्तारी के बाद कई राज खुलेंगे।
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि पूरे मामले का नोडल अधिकारी एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय को बनाया गया है। पूछताछ में सुरेश मांझी से एक मोबाइल नंबर मिला है, जिसके आधार पर पुलिस की टीम दिल्ली रवाना की गई है।
किदवई नगर की लेबर मंडी से सुरेश मांझी को ले जाने वाले विजय की तलाश में भी टीम लगाई गई है। इसके साथ ही सर्विलांस टीम को भी सक्रिय कर दिया गया है। गुरुवार को कांशीराम अस्पताल में सुरेश मांझी का मेडिकल कराया गया, जहां उसने अपनी दर्द भरी दास्तां बयां की।

सुरेश की दर्द भरी दास्तां सुन अफसर भी सिहर उठे
सुरेश ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसे 6 महीने पहले भिखारी गैंग ने अगवा कर लिया। इसके बाद उसकी दोनों आंखों में केमिकल डाल दिया, जिससे उसकी रोशनी दिन पर दिन कम होती गई। पीट-पीट कर हाथ-पैर तोड़ दिए। शरीर को कई जगह गर्म लोहे की रॉड से दागा। चापड़ से चेहरे पर कई जख्म किए।
सुरेश ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसे 6 महीने पहले भिखारी गैंग ने अगवा कर लिया। इसके बाद उसकी दोनों आंखों में केमिकल डाल दिया, जिससे उसकी रोशनी दिन पर दिन कम होती गई। पीट-पीट कर हाथ-पैर तोड़ दिए। शरीर को कई जगह गर्म लोहे की रॉड से दागा। चापड़ से चेहरे पर कई जख्म किए।

इतनी यातनाएं दी गईं कि रूह तक कांप जाए। घर लौटा, तो परिवार के लोग भी उसे पहचान नहीं सके। सुरेश मांझी से बातचीत पर यातनाएं सुनकर पुलिस अफसर भी सिहर उठे। पहले तो उन्हें पीड़ित की कहानी पर विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन परिवार और पार्षद समेत सैकड़ों लोगों ने थाने का घेराव कर गुरुवार देर रात हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने न सिर्फ एफआईआर दर्ज की बल्कि अधिकारियों को भी जानकारी दी।

दोबारा बेचने की थी तैयारी, हालत बिगड़ने पर छोड़ा
सुरेश ने बताया कि मुझे दिल्ली से लाने के बाद जिन लोगों ने मुझे खरीदा था। उन लोगों ने मछरिया निवासी विजय से कहा कि मुझे इस लड़के के बदले दूसरा लड़का दो। हालत बिगड़ने पर मुझे वापस कानपुर सेंट्रल स्टेशन ले आए और दूसरी जगह बेचने की तैयारी करने लगे। मगर मेरी हालत और बिगड़ती चली गई। इसके बाद मुझे किदवई नगर लेबर मंडी के पास लाकर छोड़ा।
सुरेश ने बताया कि मुझे दिल्ली से लाने के बाद जिन लोगों ने मुझे खरीदा था। उन लोगों ने मछरिया निवासी विजय से कहा कि मुझे इस लड़के के बदले दूसरा लड़का दो। हालत बिगड़ने पर मुझे वापस कानपुर सेंट्रल स्टेशन ले आए और दूसरी जगह बेचने की तैयारी करने लगे। मगर मेरी हालत और बिगड़ती चली गई। इसके बाद मुझे किदवई नगर लेबर मंडी के पास लाकर छोड़ा।

भिखारी गैंग की सच्चाई है, भिखारियों पर बनी फिल्में
भिखारी गैंग के चंगुल से बचकर आए सुरेश मांझी ने बताया कि ये कहानी फिल्मी नहीं है, बल्कि फिल्मों में सच्चाई को दिखाया गया है। पुलिस अफसर या अन्य कोई आज के दौर में इस कहानी पर विश्वास नहीं करेगा। उसे लगेगा कि आज से कई साल पहले तो ये सब संभव था, लेकिन अब नहीं है। जबकि सच्चाई है कि कानपुर से लेकर दिल्ली और मुंबई समेत पूरे देश में भिखारी गैंग का नेटवर्क फैला हुआ है।
भिखारी गैंग के चंगुल से बचकर आए सुरेश मांझी ने बताया कि ये कहानी फिल्मी नहीं है, बल्कि फिल्मों में सच्चाई को दिखाया गया है। पुलिस अफसर या अन्य कोई आज के दौर में इस कहानी पर विश्वास नहीं करेगा। उसे लगेगा कि आज से कई साल पहले तो ये सब संभव था, लेकिन अब नहीं है। जबकि सच्चाई है कि कानपुर से लेकर दिल्ली और मुंबई समेत पूरे देश में भिखारी गैंग का नेटवर्क फैला हुआ है।

दहशत में है सुरेश मांझी
मेडिकल को दौरान सुरेश मांझी उल्टी सीधी बातें करता हुआ दिखाई दिया। वह रुक रुक कर बचाओ बचाओ और लोग मुझे मार डालेंगे। मुझे बचा लो जैसी बातें करता दिखाई दिया। डॉक्टरों की मानें तो उसे गहरा सदमा लगा है। अभी तक वह सदमे से उभर नहीं सका है। इसलिए अपनों के बीच भी वह खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा है। इसके चलते वह रह रहकर चिल्लाने के साथ ही बचाने की गुहार लगा रहा है।
मेडिकल को दौरान सुरेश मांझी उल्टी सीधी बातें करता हुआ दिखाई दिया। वह रुक रुक कर बचाओ बचाओ और लोग मुझे मार डालेंगे। मुझे बचा लो जैसी बातें करता दिखाई दिया। डॉक्टरों की मानें तो उसे गहरा सदमा लगा है। अभी तक वह सदमे से उभर नहीं सका है। इसलिए अपनों के बीच भी वह खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा है। इसके चलते वह रह रहकर चिल्लाने के साथ ही बचाने की गुहार लगा रहा है।

छह महीने में नहीं आया कोई मामला
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि कुछ महीने पहले कमिश्नरी में भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। शासन के निर्देश के बाद जिले में एक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का थाना भी है। थाने में बीते छह महीने से कोई शिकायत नहीं आई है। जो जगह सुरेश मांझी ने बताई है, वहां पुलिस महिला की तलाश कर रही है।
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि कुछ महीने पहले कमिश्नरी में भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। शासन के निर्देश के बाद जिले में एक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का थाना भी है। थाने में बीते छह महीने से कोई शिकायत नहीं आई है। जो जगह सुरेश मांझी ने बताई है, वहां पुलिस महिला की तलाश कर रही है।

अगर जिले में कोई इस तरह का गैंग सक्रिय है, तो उसकी तलाश कर जड़ से खत्म किया जाएगा। दिल्ली गई टीम राज और कानपुर में टीम विजय की तलाश कर रही है। इसके साथ ही सर्विलांस टीम और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को भी लगाया गया है