उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में बायोमेट्रिक मशीन को लेकर बड़े खेल का खुलासा हुआ है. कॉलेज की प्रभारी प्रिंसिपल कि हाजिरी चपरासी लगता था. मगर उनकी जगह प्रिंसिपल की हाजिरी लग जाती थी. इसका खुलासा तब हुआ जब वेतन के लिए चपरासी और प्रिंसपिल के बायोमैट्रिक हाजिरी के साथ इसका मिलान हुआ.
मामला राजकीय बालिका इंटर कालेज बरौधा का है. जहां पर प्रिंसिपल के पद तैनात महिला टीचर ने जब स्कूल में बायोमैट्रिक हाजिरी की शुरुआत हुई तो उसने चपरासी के एक हाथ की अंगुली अपने नाम से बायोमैट्रिक मशीन में स्कैन करवा लिया. दूसरे हाथ की दूसरी उंगली में चपरासी का स्कैन करवाया. प्रिंसिपल ने चपरासी से दोनों अंगुलियों से बायोमैट्रिक हाजिरी लगाने को कहा, जिससे बिना स्कूल पहुंचे प्रिंसिपल की भी हाजिरी लग जाती थी. इस खेल का खुलासा तब हुआ जब वहां दूसरे प्रिंसिपल की नियुक्ति हुई. चपरासी को एक उंगली से बायोमैट्रिक से हाजिरी लगाने के लिए बोला गया, तो चपरासी भूल गया कि किस अंगुली में लगाने से मेरी हाजिरी लगेगी.
चपरासी हाजिरी लगाता वह उपस्थित भी स्कूल में रहता मगर उसकी जगह प्रिंसिपल की हाजिरी लग जाती. प्रिंसिपल की गैर हाजिरी में भी उसकी उपस्थिति लग जाती थी, जिसका खुलासा होने पर जांच की गई तो मामला सही साबित हुआ. अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई कि जाएगी.
विंध्याचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक कामता प्रसाद पाल ने बताया कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बरोदा वहां पर एक शिक्षक ज्योति गोयल पहले उनके पास स्कूल के प्रिंसिपल का चार्ज भी था. उनके विद्यालय में ना जाने की लगातार शिकायत मिल रही थी. डीईओएस ने उस विद्यालय का प्रिंसिपल का काम देखने के लिए हाई स्कूल के हेड मास्टर को चार्ज दे दिया. जब हेड मास्टर ने वहां ज्वाइन किया और काम करना शुरू किया तो शिकायतें आने लगी कि ये टीचर पढ़ाती नहीं है. वह रोज विद्यालय में आती नहीं है आती है तो लेट से आती हैं लड़ाई झगड़ा करती हैं. उसमें अटेंडेंस के लिए बायोमैट्रिक मशीन लगी हुई है. जुलाई में अगस्त माह में वेतन निकालने के लिए जब वहां के इंचार्ज हेड मास्टर ने प्रिंट कराया तो उसमें यह पता चला कि ज्योति गोयल ऑलरेडी अपसेन्ट चल रही है और बायोमेट्रिक मशीन में उसके एटेंडेंस में प्रजेंट आ रहा है. मैनुअल पंजिका में अनुपस्थित है उसने इसकी शिकायत डीआईओएस को की गई, मुझको भी की गई. डीआईओएस ने सतर्कता बरतते हुए उस महिला का जुलाई-अगस्त का वेतन रोक दिया. उसमें एक चपरासी भी था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच बैठाई गई. एडी बेसिक विंध्याचल मंडल मिर्जापुर जीआईसी के प्रिंसिपल मिर्जापुर को लगाया गया. उन लोगों ने मौके पर जाकर जांच की है जांच में यह पाया है कि विद्यालय का जो चपरासी है जो दूसरी फिंगर से लेडी टीचर की हाजिरी लगाता था.
चपरासी रामपोस ने बताया कि जुलाई में मशीन आई थी. उसके बाद से ही मैडम ने दोनों उंगली का फिंगर फिट किया. उसके बाद से मैं हाजिरी लगाता था. कभी एक उंगली से लगाता था और कभी दोनों उगली लगा देता था. इसके बाद से परमानेंट एक ही उंगली लगाया करता था. यह हमको मालूम नहीं था उंगली लगाने से मेरी हाजिरी बायोमैट्रिक में नहीं लगेगी जबकि रजिस्टर पंजीकरण में मेरी हाजिरी लगी है. मैडम ने कहा था दोनों हाथ का ट्रायल कर लीजिए हो सकता है एक हाथ की उंगली काम ना करें.