बीते कुछ समय से देश में हार्ट अटैक के मामले पहले से काफी बढ़ गए हैं. पिछले एक साल में हमने देखा है कि ऐसी स्थिति हर उम्र के लोगों पर बन रही है. सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई वीडियोज़ वायरल हुए हैं जहां हमने देखा है कि इस हार्ट अटैक के कारण नाचते-झूमते लोग अचानक से इस दुनिया को अलविदा कह गए. ऐसा ही एक और मामला चंडीगढ़ से सामने आया है.
कुर्सी पर बैठे शख्स को आया हार्ट अटैक
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स को कुर्सी पर बैठे-बैठे हार्ट अटैक आ गया. इस शख्स की जान जा सकती थी लेकिन खुशकिस्मती से शख्स के साथ जहां ये हादसा हुआ, वहीं चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग मौजूद थे.
IAS ने सीपीआर देकर बचाई जान
उन्होंने मौके की गंभीरता को समझते हुए बिना देरी किये शख्स की छाती पर जोर जोर से प्रेशर डालना शुरू किया. इस प्रक्रिया को सीपीआर कहा जाता है. शख्स को समय पर सीपीआर मिलने की वजह से उसकी जान बच पाई. अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसे दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और IAS अवनीश शरण समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया है.
IAS की हो रही है जमकर तारीफ
स्वाति मालिवाल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘एक आदमी को हार्ट अटैक आया तो चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी IAS यशपाल गर्ग जी ने तुरंत CPR देकर उस आदमी की जान बचाई. उनके इस काम की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है. हार्ट अटैक से जानें बचाई जा सकती हैं. हर इंसान को CPR सीखना चाहिए.’ वहीं अवनीश शरण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “सलाम है हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग IAS को, जिन्होंने एक शख्स की जान बचा ली.”
वीडियो के वायरल होने के बाद अब IAS यशपाल गर्ग की हर तरफ जमकर सराहना हो रही है.
क्या होता है CPR?
सीपीआर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके बारे में सभी को जानना चाहिए. कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन यानी सीपीआर का इस्तेमाल इमरजेंसी के उन हालात में किया जाता है, जब किसी इंसान के दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है. दरअसल जब भी ऐसा होता है तो शरीर के कई हिस्सों में खून का दौरा बंद हो जाता है, जिसकी वजह से कार्डिएक अरेस्ट होता है और इंसान की मौत हो जाती है.
जब भी किसी इंसान के दिल की धड़कन अचानक रुक जाए और वह बेहोश हो जाए तो सीपीआर देने के लिए दोनों हाथों को मरीज के सीने के बीच में रखकर 100 से 120 प्रति मिनट की दर से पुश किया जाता है. मरीज के होश में आने तक ये प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए. जब मरीज होश में आ जाए तो उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. सीपीआर की खास बात ये है कि इसे देने के लिए आपका डॉक्टर या मेडिकल फील्ड का जानकार होना जरूरी नहीं है, इसे कोई भी शख्स दे सकता है.