केरल के रहने वाले 53 वर्षीय बेनी कोट्टाराथिल और उनकी 46 वर्षीय पत्नी मौली बेनी पूरे देश की पदयात्रा के बाद अपने राज्य लौट आए हैं. इस दंपति ने 1 दिसंबर, 2021 को कन्याकुमारी से इस अभियान की शुरुआत की थी और अब सात महीनों बाद वो अपने अभियान को सफलतापूर्वक पूरा कर के लौट आए हैं. बेनी कोट्टाराथिल पिछले 4 सालों से पूरे भारत का भ्रमण कर रहे हैं परंतु उनकी पत्नी की यह पहली यात्रा थी. इससे पहले वह 2019 में साइकिल पर कन्याकुमारी से कश्मीर तक का सफ़र तय कर चुके हैं. ये सफर तय करने वाले वो सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति हैं.
न्यूज 18 से बात करते हुए उन्होंने बताया कि 58 दिनों के इस सफ़र के दौरान उन्होंने देश के 13 राज्यों को पार किया था और 2021 में फिर से वह अपनी साइकिल लेकर निकल पड़े. इस बार उनका लक्ष्य बचे हुए राज्यों को पार करते हुए नेपाल और भूटान तक का सफ़र तय करने था. इस यात्रा में उन्हें करीबन 68 दिनों का वक़्त लगा.
मौली और बेनी 18 वर्षों तक आंध्र प्रदेश में बतौर शिक्षक काम करते रहे. परंतु नौकरी छिन जाने के बाद दोनों अपने जन्मस्थान कोट्टायम वापस आ गए. केरल वापस आते ही वो फिर से ज़िंदगी की जद्दोजहद में जुट गए और नौकरी की तलाश में भटकने लगे. बेनी के मुताबिक 40 की उम्र में केरल में रोज़गार मिलना नामुमकिन सा है. अपनी काबिलियत के उपयुक्त रोज़गार ना मिलने पर उन्होंने एक अस्पताल में बतौर वॉचमैन काम करना शुरू कर दिया. वॉचमैन की नौकरी से बेनी खुश तो नहीं थे, परंतु उस अनुभव ने बेनी की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी. और यहीं से शुरुआत होती है बेनी के जीवन के एक नए अध्याय की.
दरअसल, बेनी कहते हैं कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने कई नौजवानों को दिल के दौरे के कारण दम तोड़ते देखा है, डॉक्टर के मुताबिक अस्वस्थ जीवन शैली ही उन युवाओं की असमय मृत्यु का कारण थी. डॉक्टर ने रोज़ साइकिल चलाने का सुझाव दिया. बेनी कहते हैं कि उसी क्षण उन्होंने साइकिल चलाकर स्वस्थ जीवनशैली और व्यायाम को बढ़ावा देने का निर्णय लिया. बेनी बताते हैं कि जब उन्होंने साइकिल पर अपनी पहली यात्रा के बारे में लोगों को बताया तो उनका काफ़ी मज़ाक उड़ाया गया. वह कहते हैं, “लोग कहते थे कि काम धंधा छोड़ कर ये क्या शुरू कर दिया. बहुत लोगों को तो यह विश्वास था कि मैं इसे पूरा नहीं कर पाऊंगा.“
मौली ने ज़िद की साथ चलने की
बेनी के परिवार में उनकी पत्नी मौली के सिवा कोई नहीं है. इसलिए जब तीसरे अभियान की वो तैयारी कर रहे थे तो मौली ने भी साथ चलने की ज़िद पकड़ ली. गौरतलब है कि मौली को हतोत्साहित करने के लिए उन्होंने यह तक कह दिया था कि इस बार वो पदयात्रा करेंगे. परंतु मौली ने फिर भी हार नहीं मानी और 1 दिसंबर, 2021 को दोनों निकल पड़े पूरे भारत की पदयात्रा पर. वह बताते हैं कि यात्रा पूरी करके शुरुआती केंद्र पर वापस लौटने वाले ये दोनों प्रथम हैं.
करना पड़ा कई सारी मुश्किलों का सामना
वह कहते हैं कि आर्थिक तंगी होने के कारण उन्हें अपने दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़े और अपने गहनों को गिरवी रखना पड़ा. ज़्यादा खर्च ना हो इसलिए यह दंपति कम से कम में अपना गुज़ारा करते थे. वह कहते हैं, “पैसे बचाने के लिए हम दोनों टेंट में रहते थे और ढाबे में खाते थे. कई बार तो हमने मंदिर, चर्च और यहां तक की खुले मैदानों में भी रात गुज़ारी है. फिर भी सात महीने के इस अभियान में कुल अस्सी हजार रुपये खर्च हुए हैं.” इसके अलावा उम्र के कारण शुरुआती दिनों में ज़्यादा चलने से पैरों में तकलीफ होती थी और तबीयत बिगड़ जाती थी. परंतु धीरे-धीरे आदत हो गई और शारीरिक तकलीफें भी खुद-ब- खुद कम हो गईं.
बदलते मौसम का असर
वह कहते हैं, “जब हमने यात्रा शुरू की थी तब ठंड का मौसम था, परंतु जब तक हम उत्तर भारत पहुंचे गर्मी आ चुकी थी. उत्तर भारत के राज्यों में तपती धूप में चलना काफ़ी मुश्किल होता था. इसलिए हम लोग रोज़ भोर में उठकर चलना शुरू करते और दोपहर में पेड़ों के नीच आराम करते और फिर से सूरज ढलने के बाद चला करते थे.
छात्रा ने दिया सरप्राइज़
जब बेनी की एक छात्रा को पता चल कि बेनी और उनकी पत्नी पदयात्रा करके लौट रहे हैं तो उन्होंने बेनी को एक बेहतरीन सरप्राइज़ दिया. बेनी और उनकी पत्नी दोनों को कुत्तों से काफ़ी लगाव है इसलिए बेनी की छात्रा ने उन्हें एक ‘जर्मन शेफर्ड’ भेंट किया.
यू ट्यूब चैनल पर करना चाहते हैं ब्लॉगिंग
इस दंपति ने अपने कुत्ते के नाम पर ‘विकी’स वंडर वर्ल्ड’ यू ट्यूब चैनल की शुरुआत की है. इस चैनल पर वह ट्रैवल ब्लॉगिंग करना चाहते हैं और इससे हुई कमाई से फिर से एक नए भ्रमण पर निकलना चाहते हैं. न्यूज 18 से बात करते हुए मौली ने कहा कि क्योंकि यह उनकी पहली यात्रा थी इसलिए वह काफ़ी उत्साहित थी. उन्हें इस सफ़र में कुछ मुश्किलातों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्हें बहुत मज़ा आया और वो जल्द ही दोबारा एक नए सफ़र पर जाना चाहती हैं. पदयात्रा के बारे में पूछे जाने पर वह कहती हैं कि वह दोबारा पदयात्रा पर तो नहीं जाएंगी परंतु बाइक राइड पर ज़रूर जाना चाहती हैं.