अगर हॉलीवुड की साइंस फिक्शन फिल्मों का आपको शौक है, तो कई बार आपने देखा होगा कि इसमें विज्ञान के चमत्कार दिखाई देते हैं. Minority Report फिल्म ऐसी ही एक लोकप्रिय फिल्म रही है, जिसमें पुलिस को अपराध से पहले ही अपराधी का पता चल जाता था और वो उन्हें पकड़ लेती थी. वो बात अलग है कि फिल्म में ऐसा एक कैरेक्टर की दिव्य दृष्टि की वजह से होता था, लेकिन अमेरिका में अब ऐसा वैज्ञानिक विश्लेषण की वजह से संभव है.
फिल्मों में ऐसी चीजें देखकर लोग इन्हें एंजॉय करते हैं और कई बार ऐसा सोचते हैं कि ये असल में होता तो कितना अच्छा हो जाता ! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिये वैज्ञानिक अब ऐसी चीज़ों को संभव करके दिखा रहे हैं. हाल ही में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने विश्लेषण की ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसके ज़रिये पुराने डेटा के आधार पर भविष्य में होने वाले अपराधों का पता लगाया जा सकेगा.
90 फीसदी सही होंगी भविष्यवाणियां
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के डेटा और सोशल साइंटिस्ट ने मिलकर एक एडवांस विश्लेषण की तकनीक विकसित की है. ये तकनीक भौगोलिक लोकेशन और पब्लिक डेटा के आधार पर एक खास इलाके का विश्लेषण करेगी और इसी एल्गोरिदम के ज़रिये होने वाले अपराध को भी बता सकेगी. दिलचस्प बात तो ये है कि इस थ्योरी के ज़रिये जो अपराध प्रिडिक्ट किए गए, उनमें 90 फीसदी बिल्कुल सही निकले. ये विश्लेषण न सिर्फ शिकागो बल्कि अमेरिका के बाकी शहरों- अटलांटा, ऑस्टिन, डेट्रॉइट, लॉस एंजेल्स, फिलाडेल्फिया, पोर्टलैंड और सैन फ्रांसिस्को में भी किए गए थे.
कैसे काम करता है Algorithm Prediction ?
इस स्टडी के मुख्य लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में शिक्षक इशानु चट्टोपाध्याय के मुताबिक हमने शहरी वातावरण का डिजिटल ट्विन बनाया है. इसमें जब पुरानी घटनाओं का डेटा फीड किया जाता है, तो ये अपने विश्लेषण से भविष्य की घटनाओं के बारे में बता देता है. शिकागो के ऐतिहासिक डेटा को फीड करने के बाद इसने हत्या, लूटबाट, मारपीट, वाहन चोरी जैसी तमाम घटनाओं की सही-सही जानकारी दी. इस तरह इस मॉडल ने अपनी प्रामाणिकता सिद्ध की है और दिखाया कि 1 हफ्ते बाद होने वाली घटनाओं को पहले प्रिडिक्ट किया जा सकता है.