वृंदावन में निराश्रित महिलाओं की पीड़ा जानकर भावुक हुए राष्ट्रपति, बोले- इन माताओं का जीवन तपस्या से भरा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को अपनी पत्नी और बेटी के साथ तीर्थनगरी वृंदावन पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन किए। मंदिर में करीब 40 मिनट तक पूजा पाठ किया और भगवान से देश की समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उनके साथ में कृष्णा कुटीर की पांच माताएं भी शामिल रहीं। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

दर्शन के दौरान मंदिर परिसर में कड़ा पहरा रहा और किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। दर्शन-पूजन के बाद राष्ट्रपति कृष्णा कुटीर आश्रय सदन पहुंचे। यहां रहने वालीं निराश्रित माताओं ने तिलक लगाकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति आश्रय सदन में करीब एक घंटे तक रहे। उन्होंने माताओं से संवाद किया। उनके दुख-दर्द को जाना। इस दौरान कई महिलाओं के आंसू छलक आए। राष्ट्रपति भी भावुक हो गए। उन्होंने महिलाओं को ढांढस बंधाया। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन में रहने वालीं माताओं द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी भी देखी और उनकी सराहना की। इसके बाद महिलाओं को करीब 10 मिनट तक संबोधित किया।
राष्ट्रपति से मिलकर महिलाओं के छलके आंसू

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि इन माताओं का जीवन तपस्या से भरा है। इन्हें समाज द्वारा जो तिरस्कार मिलता है, उसे बदलने की जरूरत है। माताएं अपनी तपस्या के बल पर समाज को नई दिशा दे रही हैं।
राष्ट्रपति का सोमवार सुबह 9.45 पर वृंदावन में आगमन हुआ। उससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आ चुके थे। हेलीपैड पर राष्ट्रपति का स्वागत राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया।
कृष्णा कुटीर में महिलाओं से मिले राष्ट्रपति

राष्ट्रपति का निर्धारित कार्यक्रम 9.45 बजे से लेकर 12.15 तक था, लेकिन कृष्णा कुटीर में उन्होंने अधिक समय बिताया और दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए। जब तक शहर में राष्ट्रपति रहे, सुरक्षा की दृष्टि से सभी रास्ते बंद रखे गए।