सोलन में निजी स्कूल बना रहा छात्रों पर 15 माह की फीस देने का दबाव, ये तर्क…

जनपद में प्रशासन की नाक तले सरेआम एक निजी स्कूल में शिक्षा का व्यापारीकरण (commercialization) हो रहा है। मामला, शहर के गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल (Gurukul International School) का है। यहां अजीबो गरीब तर्क देकर स्कूल प्रबंधन छात्रों पर 15 माह की फीस देने का दबाव बना रहा है।

यह दबाव बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों पर ये कहकर डाला जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा लेट है और उन्हें तीन माह की अतिरिक्त फीस (additional fees) चुकानी होगी। अन्यथा उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया

जाएगा। प्रबंधन (Administrtion) की धमकी से खफा अभिभावकों (guardians) ने सामूहिक रूप से स्कूल प्रबंधन से इस बारे बात की। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी शिकायत सौंपी गई है।

अभिभावकों ने कहा कि 15 माह की फीस लेने का कोई औचित्य नहीं है, स्कूल प्रबंधन मनमानी कर रहा है। परिजनों के अनुसार उनके बच्चों का शोषण हो रहा है। उन्होंने सरकार व  प्रशासन से न्याय की मांग की है। अभिभावकों की मानें तो उन्होंने 12 माह की फीस जमा करवा दी है, लेकिन तीन माह की और मांगी जा रही है। 

   गुरुकुल  इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य लखविंद्र कौर अरोड़ा से फीस को लेकर सवाल किया गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि यदि सीबीएसई (CBSE) ने फीस लेने के लिए नहीं कहा है तो न लेने के लिए भी नहीं कहा है। यह बात जगजाहिर है कि किस स्तर पर गैर तरीके से शिक्षा का व्यापारीकरण हो रहा है।