नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार कमजोरी से त्योहारी सीजन की बिक्री समाप्त होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की कीमतें बढ़ सकती हैं. इस फाइनेंशियल ईयर में रुपया अब तक डॉलर के मुकाबले लगभग 9% गिरकर शुक्रवार को 82.32 रुपये के नए सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. विश्लेषकों ने कहा कि त्योहारों पर चल रही बिक्री में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर आकर्षक डील देखने को मिल रही है, लेकिन बिक्री के बाद कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है.
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रुपये में गिरावट का कंपनियों पर काफी असर पड़ रहा है, लेकिन कंपनियां त्योहारों के दौरान कीमत बढ़ाकर पहले से ही कमजोर मांग पर कोई असर नहीं डालना चाहती हैं, लेकिन नवंबर में कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारी सीजन समाप्त होने के बाद स्मार्टफोन की कीमत 5-7% तक बढ़ सकती हैं.
गिरता रुपया बढ़ी चुनौती
रिसर्च फर्म कैनालिस के टेक्नोलॉजी मार्केट एनालिस्ट संयम चौरसिया ने भी कहा कि वेंडर कमजोर रुपये के दबाव को और सहन नहीं कर सकते हैं और इसे उपभोक्ताओं पर डालना होगा. चौरसिया ने कहा, विदेशी मुद्रा पिछले 18-20 महीनों से कंपनियों के लिए एक मुद्दा रहा है और अगर यह जारी रहता है तो हम आने वाले महीनों में उपकरणों कीमतों में तेजी से कीमतों में बढ़ोतरी देख सकते हैं.”
कई सामान आयात करती हैं कंपनियां
देश में स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों पर रुपये के कमजोर होने का काफी असर पड़ता है, क्योंकि ये कंपनियां अभी भी फोन के निर्माण के बजाय सेमी-नॉक्ड डाउन (एसकेडी) किट से असेंबल करते हैं. कंपनियां फोन में इस्तेमाल होने वाली डिस्प्ले और इंटीग्रेटेड सर्किट जैसे पुर्जों को अलग-अलग आयात करती हैं. रुपये के कमजोर होने से ऐसे सामानों की लागत बढ़ जाती है.
अगले महीने बढ़ सकती हैं कीमतें
इसी तरह देश में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं की भी कमोबेश यही स्थिति है. घरेलू टीवी ब्रांड दाइवा के सीईओ अर्जुन बजाज ने कहा कि रुपये का गिरना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है, जिससे मार्जिन में कमी और लागत में बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की कीमतें बढ़ाने वाले सप्लायर से इस बारे में बातचीत शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि नई कीमतें अगले महीने तय की जाएगी.