पानी की समस्या पूरे विश्व की चिंता बनी

पानी की समस्या पूरे विश्व की चिंता बनी

पानी की समस्या पूरे विश्व की चिंता बनी हुई है। पुरातन बावडिय़ों, तालाबों की बात करें तो वे भी सूखते जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने वन विभाग के सहयोग से एक योजना तैयार की, जिसके तहत विभाग द्वारा चैक डैम निर्मित किए गए। इन डैमों के निर्माण से बारिश पर निर्भर रहने वाले क्षेत्रों के लोगों की फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भरता कम हो गई है। साथ ही लोग अपने मवेशियों को भी पानी इन डैमों के पिला सकते हैं। वन क्षेत्रों में पिछले वर्ष 16 चैक डैम जिला कांगड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में निर्मित करके लाखों लीटर पानी संरक्षित किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष धर्मशाला मंडल में 7, पालमपुर मंडल में 3 और नूरपुर मंडल में 6 चैक डैम निर्मित किए गए थे। जबकि इस वर्ष भी 6 चैक डैम निर्मित करना प्रस्तावित किए गए हैं।

इन चैक डैम का पानी जहां संबंधित क्षेत्र में आग लगने पर आग बुझाने के काम में लाया जा सकता है। वहीं जिन क्षेत्रों में लोग एक ही फसल को बीजते थे, चैक डैम के माध्यम से पानी की व्यवस्था होने पर लोग अन्य फसलों की बिजाई भी करने लगे हैं। जिला में अभी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां साल भर पानी नहीं रहता, विशेषकर गर्मियों की बात करें तो पेयजल समस्या पेश आती है, ऐसे में लोगों को अपने मवेशियों तक को पानी पिलाने के लिए नहीं होता। इन चैक डैम के पानी को फिल्टर करके जल शक्ति विभाग पेयजल सप्लाई भी कर सकता है, साथ मवेशियों के भी प्रयोग में लाया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से योजना तैयार करने के बाद वन विभाग ने उन क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पानी की समस्या थी। ग्रामीणों से बैठकें करके उनके ग्रुप बनाए और उन्हें चैक डैम के माध्यम से किस तरह लाभ मिलेगा, इसकी जानकारी भी दी। यह ऐसे क्षेत्र थे, जहां लोगों को टैंकर के माध्यम से पानी लाने को मजबूर होना पड़ता था।

जिला के जिन क्षेत्रों में पानी की कमी थी, उन क्षेत्रों में पिछले वर्ष 16 चैक डैम बनाकर लाखों लीटर पानी संरक्षित किया गया है। पानी की समस्या वर्तमान में विश्व की समस्या बनी हुई है। सरकार की योजना के तहत इस वर्ष भी आधा दर्जन चैक डैम प्रस्तावित किए गए हैं। जल शक्ति विभाग भी चैक डैम के पानी को फिल्टर करके उपयोग में ला सकता है।