एक अधिकारी ने बताया कि पहलवानों के पास वीजा 25 अक्टूबर तक के लिए ही था। दो पहलवानों के पासपोर्ट अभी भी टीम के साथ स्पेन गए अधिकारियों के पास हैं।
आर्थिक संकट से बढ़ी परेशानियों के कारण श्रीलंका से लोगों के विदेश में जा बसने का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसकी ताजा मिसाल एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने गए श्रीलंका के तीन खिलाड़ियों के लापता हो जाने से मिली है। इसके पहले भी श्रीलंका के विदेश गए कई खिलाड़ी वहां से वापस नहीं लौटे थे।
अब स्पेन में हुई विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने गए तीन खिलाड़ी वापस नहीं लौटे हैं। खेल अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि कर दी है। श्रीलंका कुश्ती परिसंघ के एक अधिकारी ने वेबसाइट इकॉनमीनेक्स्ट.कॉम से बातचीत में बताया कि दो पहलवान 22 अक्टूबर को गायब हो गए। उसके अगले दिन एक और पहलवान गायब हो गया। श्रीलंका ने इस टूर्नामेंट में सिर्फ पुरुष पहलवान भेजे थे।
इसके पहले अगस्त में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान श्रीलंका के नौ एथलीट लापता हो गए थे। श्रीलंका कुश्ती परिसंघ के अधिकारियों ने कहा है कि स्पेन के अधिकारियों को जब पहलवानों के गायब होने की खबर दी गई, तो वे लापरवाह नजर आए।
श्रीलंका के हालात से परिचित विशेषज्ञों ने कहा है कि आर्थिक संकट गहराने के साथ ही श्रीलंका से लोगों के कानूनी या गैर-कानूनी ढंग से बाहर जाने के मामले सामने आने लगे। ये सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच श्रीलंका के अधिकारियों ने स्पेन में गायब हुए पहलवानों की तलाश शुरू कर दी है। इस सिलसिले में पहलवानों के परिजनों से बातचीत की गई है। अधिकारियों की कोशिश गायब पहलवानों से संपर्क साधने की है। वैसे अधिकारियों की पहली कोशिश यह जानने की हैं कि पहलवान स्पेन में ही हैं या वहां से किसी दूसरे देश के लिए निकल गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि पहलवानों के पास वीजा 25 अक्टूबर तक के लिए ही था। दो पहलवानों के पासपोर्ट अभी भी टीम के साथ स्पेन गए अधिकारियों के पास हैं। लेकिन एक पहलवान का पासपोर्ट नहीं मिल रहा है। एक अधिकारी ने कहा- हमें शक है कि उस पहलवान ने किसी बहाने से संबंधित अधिकारी से अपना पासपोर्ट ले लिया था। गौरतलब है कि विदेश दौरों के समय अधिकारी खिलाड़ियों के पासपोर्ट अपने पास रखते हैं।
श्रीलंका कुश्ती परिसंघ के अधिकारी वेबसाइट इकॉनमीनेक्स्ट से कहा- ‘हमने स्पेन की पुलिस को तुरंत सूचना दे दी थी। लेकिन स्पेनी अधिकारियों ने कहा कि गायब खिलाड़ी उनके देश में पनाह ले सकते हैं और नौकरी भी हासिल कर सकते हैं, बशर्ते वे किसी अपराध में शामिल ना हों।’
इस घटना के बाद श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने देश की खेल टीमों के विदेश जाने पर रोक लगा दी है। खेल मंत्रालय ने कहा है- ‘इस मामले पर कुश्ती परिसंघ को अधिक ध्यान देना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है। इससे वे खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग लेने के अवसर से वंचित हो सकते हैं, जो देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।’ श्रीलंका सरकार के मुताबिक खेल अपराध निरोधक इकाई से इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।