पानी के प्राकृतिक स्रोतों पर सरकार का अधिकार, भूमि चाहे निजी ही हो

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला को आदेश दिए हैं कि वह उन सभी पानी के प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित करें जिनका स्थानीय लोगों की ओर से अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है कि पानी के प्राकृतिक स्रोतों पर सिर्फ  और सिर्फ  सरकार का अधिकार है, भले ही वह स्रोत किसी की निजी भूमि पर हो। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला को आदेश दिए हैं कि वह उन सभी पानी के प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित करें जिनका स्थानीय लोगों की ओर से अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। अदालत ने नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वह बताएं कि इन प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है। अदालत के ध्यान में लाया गया कि पूरे शिमला शहर में बदबू फैली रहती है, जिसका मुख्य कारण गंदे शौचालय हैं। अदालत ने नगर निगम को आदेश दिए कि इसे दुरुस्त करने के बारे में जरूरी कदम उठाए जाएं। अदालत को बताया गया कि कुछ लोग अपने कुत्तों को मॉल रोड, रिज मैदान और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर शौच करवाते हैं। यह नगर निगम अधिनियम के नियमों के विपरीत हैं।

अदालत ने नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वह एक कमेटी का गठन करे, जो  सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे तक यह सुनिश्चित करेगी कि लोग अपने कुत्तों से सार्वजनिक स्थानों पर शौच न करवाएं। अदालत ने बिजली बोर्ड को आदेश दिए हैं कि वह शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताएं की सर्दियों में बिजली की वोल्टेज में उतार-चढ़ाव नहीं आने दिया जाएगा। ताकि पानी की पंपिंग करने में असुविधा न हो। निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि पानी की आपूर्ति सुचारु रूप से करने के लिए वैकल्पिक पंपों की व्यवस्था कर दी गई है। अदालत ने नगर निगम शिमला और बिजली बोर्ड से 22 जून तक अनु पालना रिपोर्ट तलब की है।

नियमों के विपरीत लगे विज्ञापन और होर्डिंग हटाने के दिए आदेश 
नगर निगम शिमला के दायरे में विभिन्न राजनीतिक दलों के विज्ञापन होर्डिंग लगाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को प्रदेश उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका में बदला है। अदालत में उपस्थित एसपी शिमला और नगर निगम के आयुक्त को आदेश दिए हैं कि नियमों के विपरीत शिमला शहर में लगे होर्डिंग हटाएं तथा इसकी अनुपालना रिपोर्ट 16 जून तक शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को सौंपे। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने  अपने आदेशों में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर की याचिका जनहित से संबंधित है। अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से प्रतिवादी बनाए राजनीतिक दल भाजपा को प्रतिवादियों की लिस्ट से हटाए जाने के आदेश भी दिए हैं। एसपी शिमला की ओर से अदालत को बताया है कि विज्ञापन के होर्डिंग लगाए जाने पर अभी तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन मामलों में जांच चल रही है। 

नगर निगम शिमला के आयुक्त ने अदालत को बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के विज्ञापन होर्डिंग तुरंत हटाने के आदेश जारी किए थे। अदालत ने अपने आदेशों में कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल या विज्ञापनकर्ता नियमों की अवहेलना कर विज्ञापन और होर्डिंग्स नहीं लगा सकता है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के शिमला दौरे के दौरान उनकी पार्टी ने नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाकर रिज मैदान शिमला, ऑल इंडिया रेडियो परिसर के आसपास बड़े-बड़े विज्ञापन होर्डिंग्स लगाए थे जोकि नगर निगम शिमला की ओर से बनाए नियमों केे विपरीत है। 

इस क्षेत्र में नहीं लगा सकते होर्डिंग
नगर निगम शिमला के नियम 9 के मुताबिक राष्ट्रपति भवन से लेकर छोटा शिमला और मालरोड क्षेत्र में किसी भी तरह के होर्डिंग लगाने की मनाही है। इसी तरह से रिज मैदान पर विज्ञापन होर्डिंग लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन इस नियम की खुलेआम उल्लंघन की गई। इसी प्रकार विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से इन क्षेत्रों में नियमों की अवहेलना करके विज्ञापन होर्डिंग लगाए हैं।