सूर्य पर तेजी बढ़ रहा रहस्यमय सनस्पॉट का आकार, दो दिनों में ही हो गया 10 गुना बड़ा, धरती के लिए खतरे की घंटी!

Planet Sized Sunspot on Sun : सनस्पॉट के आसपास कई सौर लहरों, इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन के बड़े विस्फोट जो सूर्य की सतह से बाहर निकलते हैं और अंतरिक्ष में फैल जाते हैं, को देखा गया है। हालांकि वे सभी फिलहाल सी-क्लास की लहरें हैं जो सोलर फ्लेयर की सबसे कमजोर श्रेणी है।

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फोटो : NASA

वॉशिंगटन : वैज्ञानिकों ने सूर्य पर एक विशालकाय सनस्पॉट का पता लगाया है जो बेहद तेजी से बढ़ रहा है। खतरे की बात यह है कि इसका मुख सीधे पृथ्वी की तरफ है और आने वाले दिनों में इससे तेज सौर ऊर्जा निकल सकती है जो हमारी तरफ आ सकती है। सूर्य के ‘सक्रिय क्षेत्र’ में मौजूद इस सनस्पॉट का नाम AR3085 है जो कुछ दिनों पहले अस्थायी था। लेकिन अब यह 10 गुना बड़ा हो गया है और सनस्पॉट की एक जोड़ी जैसा प्रतीत हो रहा है जिसमें प्रत्येक का आकार पृथ्वी के बराबर है। सनस्पॉट के आकार में यह आश्चर्यजनक परिवर्तन सिर्फ दो दिनों में हुआ है।

स्पेस वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पॉट के आसपास कई सौर लहरों, इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन के बड़े विस्फोट जो सूर्य की सतह से बाहर निकलते हैं और अंतरिक्ष में फैल जाते हैं, को देखा गया है। हालांकि वे सभी फिलहाल सी-क्लास की लहरें हैं जो सोलर फ्लेयर की सबसे कमजोर श्रेणी है। नासा के मुताबिक एम-क्लास की लहरें बेहर शक्तिशाली होती हैं और धरती पर आंशिक रूप से रेडियो ब्लैकआउट को अंजाम दे सकती हैं।

क्या सनस्पॉट से धरती को खतरा?
एक्स-क्लास की लहरें सबसे ताकतवर होती हैं जो बड़े पैमाने पर रेडियो ब्लैकआउट के अलावा सैटेलाइट और धरती पर पावर ग्रिड को नुकसान पहुंचा सकती हैं। लाइव साइंस की खबर के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में स्पॉट का बढ़ना जारी रहता है तो इससे शक्तिशाली लहरें निकल सकती हैं और वे पृथ्वी की तरफ आ सकती हैं। यह सैटेलाइट और कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए संभावित खतरे की घंटी है। लेकिन फिलहाल के लिए धरतवासियों को इससे कोई खतरा नहीं है।

क्या होते हैं सनस्पॉट और कितने खतरनाक?
सनस्पॉट सूर्य की सतह पर ऐसे क्षेत्र होते हैं जो काले दिखाई देते हैं। इनका रंग काला इसलिए होता है क्योंकि ये सतह के अन्य हिस्सों की तुलना में ठंडे होते हैं। वहीं नासा के मुताबिक सौर लहरें ऊर्जा का एक अचानक विस्फोट होता है जो सनस्पॉट के पास चुंबकीय क्षेत्र की रेखाओं के उलझने के कारण होता है। कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य की सतह से निकलने वाले कुछ सबसे बड़े विस्फोटों में से एक होता है जिसमें अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की रफ्तार से एक अरब टन तक पदार्थ बाहर निकल सकते हैं।