बारिश में खुजली-फुंसी से त्वचा का करना है बचाव, तो इस तरह से करें देखभाल

बदलते मौसम के साथ शरीर पर कोई न कोई असर दिखाई देता है। खासकर अब, जब मौसमों का बदलना बहुत अचानक और अप्रत्याशित सा हो चला है, शरीर और मन पर इज़के प्रभाव भी उसी तरह पड़ने लगे हैं। उदाहरण के लिए मानसून के आने में होने वाली देर और उसकी वजह से गर्मी का बढ़ना, स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याओं का कारण बन रहा है। इसी तरह हर मौसम की शुरुआत भी कुछ सामान्य समस्याएं लेकर आती है। जैसे कि बारिश के मौसम में त्वचा पर होने वाले संक्रमण और फोड़े-फुंसी। ज्यादातर यह मौसमी समस्याएं सामान्य उपचार से ठीक भी हो जाती हैं लेकिन कई बार ध्यान न देने पर यह गम्भीर रूप भी ले सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि मौसम शुरू हो उसके पहले से ही आप तैयार हों त्वचा की अतिरिक्त देखभाल के लिए। इसके लिए आपको बहुत ज्यादा परेशानी उठाने की भी जरूरत नहीं, थोड़े से उपायों से आप त्वचा को दे सकते हैं चमकदार, तकलीफ रहित और स्वस्थ लुक। बस कुछ बातों का ध्यान रखकर। मानसून आने के पहले और इसके दौरान भी त्वचा पर कई सारे कारक हमला करते हैं। इनमें हवा में मौजूद नमी, धूल और प्रदूषण के कण, बारिश के दौरान पनपने वाले बैक्टीरिया और वायरस आदि शामिल होते हैं। इनके कारण त्वचा का रंग हल्का हो सकता है, धब्बे, कील-मुहांसे, टैनिंग आदि भी हो सकती है। बारिश के बीच बीच में निकलने वाली तेज धूप का असर भी त्वचा पर पड़ता ही है। इनसे बचाव के लिए आप अपने रूटीन में कुछ चीजें शामिल कर सकते हैं
बाहर से आने पर सफाई से चेहरा, हाथ और पैर धोएं
त्वचा को दें खास देखभाल 

-सनस्क्रीन का इस्तेमाल इस मौसम में भी करना जरूरी है। अगर त्वचा ज्यादा चिपचिपी और नम है तो वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन का उपयोग करें, खासकर घर से बाहर रहने के दौरान। 

-बारिश में भीगने के बाद पूरी त्वचा को अच्छे पानी से जरूर धोएं। ठीक जैसे आप स्वीमिंग करने के बाद करते हैं। स्वीमिंग पूल में मौजूद क्लोरीन व अन्य रसायनों की तरह ही बारिश के पानी में भी कई ऐसी चीजें हो सकती हैं जो आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाएं। 

भरपूर पानी पीना चाहिए।

-बाहर से घर आने के बाद और रात को सोने से पहले चेहरा, गर्दन और हाथ-पैरों को अच्छे से धोना न भूलें। मानसून में नमी के साथ ही कई हानिकारक जर्म्स और बैक्टीरिया त्वचा को अपना घर बनाने लगते हैं। इससे अनेक समस्याएं हो सकती हैं। साफ़ पानी से त्वचा धो लेने से इस मुश्किल से बचाव सम्भव है।

-अपने वॉटर इंटेक यानी पानी पीने की आदत को गर्मियों की तरह ही बनाए रखने की कोशिश करें। अक्सर बारिश आने पर प्यास लगनी कम हो जाती है और गर्मी में भरपूर पानी पीने वाले हम लोग पानी कम पीना शुरू कर देते हैं। ते शरीर के अंदरूनी कार्य संचालन के लिए गलत साबित होता है। इससे शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलने की प्रक्रिया, शरीर को नमी मिलने की प्रक्रिया आदि बाधित हो सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। यह त्वचा को नम और चमकदार बनाये रखने में योगदान देगा।

नियमित स्क्रबिंग से डेड स्किन हटाएं

एड़ियों को बनाएं मुलायम 

-आपने गौर किया होगा कि बारिश में पैरों की एड़ियां नर्म और साफ होने लगती हैं। ऐसा मुख्यतः नमी के कारण ही होता है। इस स्थिति में पैरों को नियमित साफ़ रखकर और लोशन आदि लगाकर आप इन्हें सर्दियों में भी रूखा होने और एड़ियों को फटने से बचा सकते हैं। 

-भले ही वातावरण में नमी हो, त्वचा को अतिरिक्त पोषण देने के लिए मॉइश्चराइजर का प्रयोग करना न भूलें। अगर त्वचा ज्यादा चिपचिपी है तो ऑइल फ्री लोशन का उपयोग करें। 
नियमित रूप से स्क्रबिंग के द्वारा त्वचा की मृत कोशिकाओं यानी डेड सेल्स को निकालते रहें। 
विटामिन सी केवल इम्युनिटी के लिए ही नही, त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी जरूरी होता है। इसके लिए आप भोजन में विटामिन सी युक्त पदार्थों का सेवन करने के साथ ही त्वचा पर विटामिन सी युक्त सीरम, क्रीम और लोशन का प्रयोग भी कर सकते हैं। यह दाग-धब्बे दूर करके चेहरे की चमक को बढ़ाता है।

विशेषज्ञ की सलाह से करें प्रोडक्ट का इस्तेमाल
अपने मेकअप को बारिश के हिसाब से बदल लें। इसमें हैवी फाउंडेशन की जगह बीबी क्रीम, वॉटरप्रूफ प्रोडक्ट्स आदि का उपयोग करें। रात को सोने से पहले मेकअप को रिमूव करना किसी भी हालत में न भूलें। 
 
अगर हो जाये समस्या तो क्या करें?
कई बार पूरी सावधानी रखने के बावजूद त्वचा पर संक्रमण या समस्याएं उभर आती हैं। बारिश के मौसम में यह आम है। ये समस्याएं स्थाई न बनें इसके लिए इनपर तुरन्त ध्यान दें और इन बातों का ध्यान रखें-
-अगर आपकी त्वचा तैलीय और अधिक सेंसेटिव है तो अपने लिए पहले ही विशेषज्ञ से सलाह लेकर लोशन, मॉइश्चराइजर, फेस वॉश आदि चुन लें, जो ख़ास बारिश में आपके काम आएं।

-अगर त्वचा पर कोई भी समस्या हो भी तो उसपर बार बार हाथ लगाने, खुजली करने, फुंसी या मुंहासे फोड़ने आदि से बचें। इससे संक्रमण और फ़ैल सकता है तथा गम्भीर हो सकता है।

-अपने हाथों और पूरी त्वचा को अच्छे से साफ़ रखें। अपने साथ हमेशा मेडिकेटेड टिशू रखें ताकि जरूरत पड़ने पर थपथपाकर पसीने या गन्दगी को पोंछा जा सके।