दशकों से भारत के दामन पर लगा दाग अब धुल रहा है… लड़कों और लड़कियों की शिशु मृत्‍यु दर हुई बराबर

Infant Mortality Rate In India: भारत में लड़का और लड़की की शिशु मृत्‍यु दर (प्रति 1,000 जन्‍मों पर मृत नवजातों की संख्‍या) बराबर हो गई है। 13 राज्‍यों में लड़कियों की शिशु मृत्‍यु दर लड़कों से कम या बराबर है।

रीमा नागराजन, नई दिल्‍ली: दशकों से भारत के दामन पर एक दाग लगा रहा है। यहां बेटों को बेटियों पर तरजीह मिलती है। पैदा होने के बाद बेटियां मार दी जाती हैं, ऐसा महिलाओं से जुड़े हर दूसरे लेख में कहा जाता था। धीरे-धीरे ही सही, यह दाग धुल रहा है। 2020 से यह स्थिति बदली है। अब लड़के और लड़कियों, दोनों में शिशु मृत्‍यु दर (Infant Mortality Rate) बराबर हो गई है।

13 राज्‍यों में लड़कियों की शिशु मृत्‍यु दर लड़कों से कम या बराबर हो गई है। 16 राज्‍य अब भी ऐसे हैं जहां लड़कियों में IMR लड़कों से ज्‍यादा है, हालांकि अंतर कम हो रहा है। शिशु मृत्‍यु दर का मतलब प्रति 1,000 जन्‍मों पर नवजात मृतकों की संख्‍या से है। ग्रामीण भारत में लड़के और लड़कियों की शिशु मृत्‍यु दर का अंतर कम जरूर हुआ है लेकिन लड़कियों की IMR ज्‍यादा है। शहरी भारत में, लड़के और लड़कियों की IMR में अंतर 2011 में काफी ज्‍यादा था। 2020 में लड़कियों की IMR लड़कों से नीचे गिर गई है।

2011 में उत्‍तराखंड को छोड़कर बाकी सारे राज्‍यों में लड़कियों में शिशु मृत्‍यु दर लड़कों से ज्‍यादा थी। वहां पर दोनों दरें बराबर थीं, लेकिन SRS स्‍टैटिस्टिकल रिपोर्ट 2020 दिखाती है कि पांच राज्‍यों और राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लड़के और लड़कियों में शिशु मृत्‍यु दर बराबर थी। आठ राज्‍यों में लड़कियों की शिशु मृत्‍यु दर लड़कों से कम रही। सभी राज्‍यों में ग्रामीण क्षेत्रों की शिशु मृत्‍यु दर शहरी इलाकों से ज्‍यादा रही।

Infant Mortality Rate India 2022

2020 में लड़के और लड़कियों की शिशु मृत्‍यु दर में सबसे ज्‍यादा अंतर छत्‍तीसगढ़ में रहा। वहां लड़कों में IMR 35 दर्ज की गई जबकि लड़कियों की IMR 41 थी। छत्‍तीसगढ़ की ओवरऑल शिश मृत्‍यु दर 48 से घटकर 38 पर आ गई है। यह उन चुनिंदा राज्‍यों में से हैं जहां 2011 के मुकाबले लड़के और लड़कियों की IMR में अंतर बढ़ा है। बिहार, असम और कर्नाटक में भी यही स्थिति हुई।

India Infant Mortality Rate Data 2022

हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, राजस्‍थान, तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, केरल और हरियाणा जैसे राज्‍यों के शहरों इलाकों में लड़के और लड़कियों की IMR का अंतर ज्‍यादा था। 2020 आते-आते इन राज्‍यों के रुझान पलट गए।

Countries With Similar IMR

2020 का यूएन डेटा दिखाता है कि 20 से ज्‍यादा IMR वाले देशों की सूची में भारत ही इकलौता था जहां लड़के और लड़कियों में शिशु मृत्‍यु दर लगभग बराबर थी। बाकी हर उदाहरण में लड़कों की IMR लड़कियों से कम से कम 2 साल ज्‍यादा थी।