आशा वर्कर्स ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। यूनियन का कहना है कि उनके काम के समय का कोई प्रावधान नहीं है उनकी सिर्फ तारीफ़ की जाती है मिलता कुछ नहीं है कैसे पेट पाले, घर से लड़ाई करके निकलते है उसके बावजूद भी कुछ ना मिले तो इसमें हमारा क्या दोष है अभी तक जो पैसे बढ़ाए गए है वो भी नहीं मिले है।सरकार के बड़े बड़े दावो को खोखला करार देते हुए कहा जो फ़ोन आशा वर्कर को दिए गए है वो नहीं चलते है अपने फ़ोन में बच्चो की क्लासेस लगाए या सरकारी काम करे, कोरोना काल में सबसे अधिक काम करके भी इतनी दिक्क़तो का सामना करना पड़ रहा है
,आशा वर्कर्स यूनियन की स्टेट प्रेजिडेंट सत्या रांटा का कहना है कि सरकार से कई बार बात कर चुके है आज मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी लिख के भेज दी गयी है, यदि हमारी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता तो हम पुरे हिमाचल में काम बंद करके भूख हड़ताल पर बैठेंगे और आत्मदाह करने में भी संकोच नहीं करेंगी।