महाकाल की ‘राह’ में रोड़ा बन रहे मकान नंबर 168 की कहानी, मालिक ने ठुकराया एक करोड़ का ऑफर, बेचैन हैं अधिकारी

Ujjain Building Number 168 Story: एमपी में उज्जैन स्थित महाकाल लोक की राह में मकान नंबर 168 रोड़ा बना रहा है। रास्ते की चौड़ीकरण में यह मकान अवरोध पैदा कर रहा है। मकान मालिक ने एक करोड़ रुपये की मुआवजा को ठुकरा दिया है।

parchure bhawan ujjain
parchure bhawan ujjain- परचुरे भवन उज्जैन

उज्जैन: महाकाल लोक (mahakal lok way) के दूसरे चरण का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके विस्तारीकरण में एक भवन आड़े आ रहा है, जिसका नाम परचुरे भवन है। शासन की तरफ से मालिक को एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में दी गई है लेकिन इसे ठुकरा दिया है। साथ ही भवन को न हटाने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लिया है। इसके बाद प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। परचुरे भवन महाकाल लोक के दूसरे चरण के काम सबसे बड़ी बाधा है।

दरअसल, महाकाल विस्तारीकरण की मार्ग पर बने कई घरों को विस्थापित किया गया। पहले चरण में लगभग 800 घरों को हटाया गया था। इसके बाद दूसरे फेज के काम शुरू कर दिए गए हैं। इसके साथ ही महाकालेश्वर मंदिर के आसपास की सड़कों का चौड़ीकरण भी होना है। इसी के साथ कई और डेवलपमेंट वर्क किए जाएंगे। इसकी वजह से आसपास मौजूद घरों को उपयुक्त पैसा देकर वहां से हटाया जा रहा है। दूसरे चरण के विस्तारीकरण मार्ग में कुल 11 भवन बने हुए थे। इनमें से प्रशासन महाकाल लोक और एंट्रेस के लिए 10 मकान हटा चुका है।

11 में से एक घर परचुरे परिवार का है। इस घर की लंबाई और चौड़ाई करीब 1500 वर्गफीट है। प्रशासन के लिए केवल इस मकान को हटाना शेष रह गया है। जुलाई 2021 में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह की तरफ से इन मकानों का अधिग्रहण कर उन्हें हटाने के आदेश दिए गए थे। प्रशासनिक अमले ने इन गृह स्वामियों को धारा-11 के तहत नोटिस भेज दिए थे। साथ ही मकान खाली करने के लिए कहा जा चुका था। इनके खातों में सरकारी स्तर पर तय मुआवजा राशि ट्रांसफर की जा चुकी है।

रुपए मिलते ही 11 में से 10 मकान मालिकों ने घर खाली कर दिए। इनमें महाकालेश्वर मंदिर के सामने 168 नंबर के मकान में रहने वाले शेखर गणेश परचुरे के परिवार ने मुआवजा राशि लौटाते हुए घर खाली करने से ही मना कर दिया है। जिसकी वजह से उज्जैन ही नहीं बल्कि भोपाल तक के अफसर असमंजस में हैं। हालांकि मंदिर समिति की ओर से दावा पेश किया जा चुका है। कोर्ट में जैसे ही केस नंबर पर आएगा, मकान पर कब्जा करने की कोशिश की जाएगी।

दरअसल, 30 जुलाई 2021 को अवार्ड पारित होने के बाद 23 नवंबर 2021 को विस्तारीकरण मार्ग पर मौजूद सभी घर तोड़ने के आदेश किए गए। इसके बाद 24 नवंबर 2021 को परचुरे परिवार ने कोर्ट से स्टे की मांग की। परिवार की तरफ से इंदौर हाईकोर्ट में रिट याचिका क्रमांक WP 24629/2021 लगाई गई, जिसमें इन्हें स्टे मिल गया। न्यायालय में रखे गए तथ्यों के आधार पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले पुनर्वास, सामाजिक प्रभाव और आदि विषयों को दरकिनार किया गया।
आसपास की सड़कों को चौड़ा किया जाएगा
दूसरे चरण में महाकाल मंदिर के आसपास की 70 मीटर तक सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। इसके साथ गार्डन, लैंड स्केपिंग के साथ ही लॉन भी बनना है। यहां से श्रद्धालु शिखर दर्शन कर सकेंगे। इसके नीचे न्यू वेटिंग रूम का निर्माण होगा। 11 मकानों के हटने पर विस्तार के लिए 1274 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध होगी। इसी जमीन पर महाकाल वन क्षेत्र का विकास भी होना है।
महाराज वाड़ा परिसर का उन्नयन, रूद्र सागर का जीर्णोद्धार भी पूरा होना है। रामघाट का सौंदर्यीकरण उसमें शामिल है। रूद्र सागर का पैदल पुल, शिखर दर्शन, मेघदूत वन, भूमिगत पार्क, नवीन बैटिंग हाल, आपातकालीन निर्गम और प्रवेश द्वार, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग का विकास भी इसमें होना है।