यूपी का सपना तोड़ने वाले ‘यूपी के लड़के’ की कहानी, जानें गोलगप्पे की दुकान से करोड़पति बनने तक का सफर

यशस्वी के मुंबई के आजाद मैदान के बाहर गोलगप्पे बेचने से लेकर मुंबई रणजी टीम के मुख्य सदस्य बनने तक का सफर रोमांचक रहा है। यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। उनका बचपन बेहद गरीबी में बिता है।

यशस्वी जायसवाल
मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट राउंड में बाएं हाथ के ओपनर यशस्वी जायसवाल ने तीन शतक लगाए। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में उत्तराखंड के खिलाफ दूसरी पारी में 103 रन बनाए। इसके बाद सेमीफाइनल में उत्तर प्रदेश के खिलाफ 100 और 182 रन की पारी खेली। उत्तर प्रदेश में पैदा हुए यशस्वी ने उसी को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। अब चर्चा शुरू हो गई है कि वह भारत के अगले शिखर धवन हो सकते हैं। हम आपको यहां यशस्वी के संघर्ष की कहानी बता रहे हैं…

यशस्वी के मुंबई के आजाद मैदान के बाहर गोलगप्पे बेचने से लेकर मुंबई रणजी टीम के मुख्य सदस्य बनने तक का सफर रोमांचक रहा है। यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। उनका बचपन बेहद गरीबी में बिता है। 11 साल की उम्र में यशस्वी क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई पहुंचे थे। वहां उनके लिए सबकुछ आसान नहीं था। मुंबई जैसे बड़े शहर में यशस्वी को अपना नाम बनाना था।
यशस्वी जायसवाल अपने कोच के साथ
कई बार खाली पेट सोए यशस्वी
मुंबई में कमाने के लिए आजाद मैदान में राम लीला के दौरान गोलगप्पे और फल बेचते थे। उन्हें कई बार खाली पेट सोना पड़ता था। यशस्वी ने डेयरी में भी काम किया। वहां एक दिन उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इस दौरान क्लब ने यशस्वी को मदद की पेशकश की, लेकिन उनके सामने यह शर्त रखी गई कि अच्छा खेलोगे तभी टेंट में रहने के लिए जगह दी जाएगी। टेंट में यशस्वी रोटी बनाने का काम करते थे। वहां उन्हें दोपहर और रात में खाना मिल जाता था।

ज्वाला सिंह ने यशस्वी को निखारा
यशस्वी ने रूपये कमाने के लिए गेंद खोजने का भी काम किया। आजाद मैदान में अक्सर गेंद खो जाती थी। उसे खोजने पर यशस्वी को रूपये मिलते थे। एक दिन यशस्वी के ऊपर कोच ज्वाला सिंह की नजर पड़ी। यशस्वी की तरह ज्वाला भी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने इस बाएं हाथ के बल्लेबाज को निखारा। यशस्वी हमेशा ज्वाला सिंह की तारीफ करते हैं। उन्होंने एक बार कहा था, ”मैं उनका गोद लिया हुआ बेटा हूं। मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने में उनका अहम योगदान है।”

यशस्वी जायसवाल
अंडर-19 वर्ल्ड कप से चमके
यशस्वी ने घरेलू क्रिकेट में महज 17 साल की उम्र में यूथ वनडे में दोहरा शतक ठोककर तहलका मचा दिया था। 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। यशस्वी ने एक शतक और चार अर्धशतक लगाया था। उन्होंने छह मैचों की छह पारियों में 400 रन बनाए थे। उनका औसत 133.33 का रहा था। यशस्वी को अंडर-19 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला था। उनकी चारों तरफ तारीफ हुई। 

राजस्थान ने यशस्वी पर जताया भरोसा
यशस्वी को आईपीएल 2020 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 2.4 करोड़ रुपये में खरीद लिया। उन्होंने राजस्थान के लिए 2020 में तीन मैच में 40 रन बनाए थे। इसके बाद 2021 में 10 मैच में 249 रन बनाए। यशस्वी को 2022 की नीलामी से पहले राजस्थान ने रिटेन किया। उन्हें टीम से बाहर नहीं किया। यह किसी युवा खिलाड़ी के लिए बड़ी बात थी। फ्रेंचाइजी ने उन पर विश्वास जताया। उन्हें चार करोड़ रुपये में रिटेन किया गया था। उन्होंने इस बार आईपीएल में 10 मैच में 258 रन बनाए। इस दौरान दो अर्धशतक लगाया। उनका औसत 25.80 और स्ट्राइक रेट 132.99 का रहा।