कहानी उस लड़की की, जो विमान हादसे में अकेली बच पाई, पिता की सीख ने जंगल में हफ्तों तक रखा जिंदा

‘मन जीते जीत है, मन के हारे हार’, ये केवल कहने भर की बात नहीं है. आपके अंदर की इच्छाशक्ति सच में कठिन से कठिन परिस्थिति को मात दे सकती है, यहां तक कि मौत को भी. अगर आप इस बात पर यकीन नहीं करते तो निश्चित ही आपको उस 17 साल की लड़की की कहानी जाननी चाहिए जिसने अपने हौसले से मौत तक को हरा दिया.

विमान हादसे में अकेली जिंदा बचने वाली लड़की

ये कहानी है आज से 42 साल पहले की, जब एक 17 साल की लड़की अपने हौसले के दम पर मौत के मुंह से वापस आ गई थी. दरअसल, जिस प्लेन वो में सफर कर रही थी, वो प्लेन क्रैश हो गया था. एक तरफ जहां लगभग 100 यात्रियों के साथ उड़ रहा विमान आसमान में आग का गोला बन गया, वहीं ये लड़की उड़ते प्लेन से कूद गई. जिसके बाद ये दो मील दूर जाकर गिरी. इस विमान हादसे में ये लड़की अकेली बच पाई थी. लेकिन प्लेन से कूदने के बाद भी उसकि जान अभी तक पूरी तरह से नहीं बची थी. हफ्तों तक अमेजन के जंगल में फंसी रही इस लड़की के ऊपर उस दौरान हर वक्त मौत मंडराती रही. ऐसी स्थिति में भी वो लड़की अपनी जान बचाने में सफल रही.

दुर्घटनाग्रस्त विमान से कूद गई जुलियन

julian kopeckTwitter

उस 17 साल की लड़की का नाम जुलियन कोपक था, जो उस विमान हादसे में बचने के बाद आज भी जिंदा है. ये 1971 का दिसंबर महीना था, जब LANSA फ्लाइट 508 ने 92 लोगों को लेकर उड़ान भारी. जुलियन कोपक भी इस विमान में सवार 92 लोगों में शामिल थी. पेरू में इस विमान के ऊपर बिजली गिर गई थी और ये विमान अमेजन के जंगलों में दुर्घनाग्रस्त हो गया. विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जुलियन विमान से कूद गई और 2 मील दूर जाकर गिर गई. इसके बाद भी वो अपनी सीट से बंधी रही. इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण जुलियन को गंभीर चोटें आईं. उनकी कॉलबोन टूट गई. उनके दाहिने हाथ में बहुत चोट लगी थी और उनकी आंखों पर भी चोट लगी थी.

इस तरह रखा खुद को जिंदा

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ऐसी गंभीर स्थिति में भी जुलियन 10 दिनों तक अमेजन के जंगलों में जीवित रहने के लिए संघर्ष करती रही. जंगल में भटकने के दौरान जुलियन को एक झोपड़ी मिली, जहां उन्होंने शरण ली. इस दौरान उन्हें भूख से तड़पना पड़ा और और मच्छरों ने भी उन्हें खूब परेशान किया. जुलियन की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उसके हाथ में कीड़े पड़ गए थे. इस दौरान उन्हें अपने पिता की सलाह याद आई और उन्होंने हाथ पर पेट्रोल डाल इन कीड़ों को हाथ से अलग किया. दुर्घटना के वक्त उन्होंने कहा कि सब खत्म हो गया है और ये अंत है लेकिन इसके बावजूद वो लड़ती रहीं और फिर मछुआरों ने उन्हें खोज निकाला. जिसके बाद वह उन जंगलों से वापस अपने घर लौट पाईं.

पिता की सिखाई बातों ने बचाई जान

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उन दिनों खबर ये आई थी कि इस विमान हादसे में जुलियन के अलावा अन्य 14 यात्रियों के बचने की खबर भी आई थी. बाद में बताया गया कि इन यात्रियों को समय पर मेडिकल हेल्प ना मिल पाने के कारण उनकी मौत हो गई. दरअसल, जुलियन की जान उनकी पिता की सिखाई बातों की वजह से बच पाई. वह अमेजन के जंगल में वन्यजीवों का अध्ययन करने वाला एक रिसर्च सेंटर चलाते थे. ऐसे में उन्होंने अपनी बेटी को जंगल में खो जाने के दौरान खुद को जीवित रखने के कई तरीके सिखाए थे.

दूसरी तरफ जहाज से कूदने के दौरान वो सीट से बंधी रहीं और सीट बेल्ट ने उनकी ढाल का काम किया. उसके बाहरी हिस्से ने पैराशूट की तरह काम किया. ऐसे में वो जब प्लेन से बाहर निकली तो उनकी गति कम थी. इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच करने वाले लोगों ने पाया कि खतरनाक मौसम की वजह से ये हादसा हुआ.