
कानपुर में 12 वीं के छात्र रोनिल सरकार की हत्या हाथों से गला दबाकर की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। हत्या करने से पहले उसको जमकर पीटा गया था। शरीर पर 18 चोटें मिली हैं। चेहरे, सिर, गले, सीने, कमर और हाथ-पैर में चोटें पाई गईं। बचने के लिए भी उसने खूब संघर्ष किया था। दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया।
विसरा भी सुरक्षित रखा गया है। पुलिस को आशंका है कि हत्यारे दो या दो से अधिक रहे होंगे। फोरेंसिक टीम को घटनास्थल से कोई खास साक्ष्य नहीं मिले हैं। यहां तक कि अपनी जांच में फोरेंसिक टीम यह भी नहीं बता सकी कि हत्या कैसे हुई। जिस स्थित पर शव बरामद हुआ है, उससे एक बात लगभग स्पष्ट हो गई है कि हत्या करना ही आरोपियों का मकसद था। रोनिल की कोई भी चीज गायब नहीं मिली। हाथ पर महंगी घड़ी बंधी हुई थी।

स्कूल बैग भी बंद था। पुलिस ने घर से बरामद रोनिल के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेली निकाली है ताकि पता चल सके कि किन-किन लोगों के संपर्क में वह था। आखिरी कॉल किसकी थी। चूंकि स्कूल में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। इसलिए वह अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ गया था। अगर मोबाइल उसके पास होता तो पुलिस को जांच में काफी आसानी होती। फिलहाल पुलिस आशनाई, आपसी रंजिश, अचानक से हुए विवाद समेत कई और पहलुओं पर जांच कर रही है।

आशंका…मारकर फेंका है शव
संजय व अन्य परिजनों ने बताया कि पूरी रात वह इलाके में रोनिल की खोजबीन करते रहे थे। घटनास्थल (चंदारी रेलवे स्टेशन के पास जंगलों) से करीब 200 मीटर पहले तक भी वह गए। चूंकि फिर रेलवे ट्रैक था इसलिए वह आगे नहीं गए थे। शव ट्रैक पार करने के बाद करीब 50 मीटर भीतर जंगल में पड़ा था। परिजनों ने दावा किया कि रात में एक बोलेरो घटना स्थल की तरफ गई थी।

आशंका है कि हत्यारे शव उसी से लेकर गए और वहां फेंक दिया। पुलिस के मुताबिक शव मिलने की सूचना स्कूल प्रशासन को किसी ने फोन पर दी थी। रोनिल स्कूल ड्रेस में था इसलिए वीरेंद्र स्वरूप स्कूल में ही सीधे सूचना किसी ने दे दी। तब स्कूल वालों ने रोनिल के परिजनों को जानकारी दी। परिजनों से जानकारी पुलिस को मिली।
