कोरोना को लेकर कई सारे एक्सपर्ट भारत के लिए जनवरी का महीना काफी अहम मान रहे हैं। चीन में जिस तरीके से कोरोना से हालात पैदा हुए हैं उस वेरिएंट को लेकर सरकार भी अलर्ट है। वहीं अमेरिका वाले वेरिएंट की भी भारत में एंट्री से टेंशन बढ़ गई है। ऐसे में लापरवाही न बरतने की सलाह दी जा रही है।
नई दिल्ली: नए साल के जश्न के बीच कोरोना को लेकर ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जिससे चिंता बढ़ गई है। भारत में अभी कोरोना के मामले कम हैं लेकिन जिस प्रकार चीन, जापान और अमेरिका में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उससे नए साल में भारत की भी चिंता बढ़ गई है। अब तक चीन वाले कोरोना वेरिएंट को लेकर टेंशन थी लेकिन अब अमेरिका को परेशान करने वाले वेरिएंट को लेकर भारत में चिंता बढ़ गई है। दोनों ही वेरिएंट की भारत में एंट्री हो चुकी है। कोरोनो को लेकर कई एक्सपर्ट यह बात कह रहे हैं कि भारत के लिए जनवरी का महीना काफी अहम है। पहले भी देखा जा चुका है कि अचानक से कैसे एक ही बार में मामले बढ़ जाते हैं ऐसे वक्त में जरूरी है कि कोरोना नियमों का पालन किया जाए।
कोरोना 2022 में भी और आने वाले साल में भी
भले ही 2020 में कोरोना को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन अब इसके प्रभाव से लोग अच्छी तरह से वाकिफ हैं। हम 2023 में प्रवेश करने जा रहे हैं तो यह सवाल भी है कि यह साल कैसा होगा। 2023 में कोरोना महामारी का कैसा प्रभाव होगा? आज भारत के पास वैक्सीन है और एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत के लिए कोई खतरे की बात नहीं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी समझौते की गुंजाइश है। संक्रमित होने वाले लोगों के अनुपात में समय के साथ बदलाव आया है, लेकिन यह आंकड़ा पूरे 2022 के दौरान इंग्लैंड में 1.25% (या 80 लोगों में से एक) से नीचे नहीं गया। लोग संक्रमित हो रहे हैं बार बार फिर से। चीन में क्या हो रहा है इसको देखते हुए सजग रहने की जरूरत है। डरना नहीं है लेकिन सावधानी जरूरी है। मास्क पहनने और भीड़ वाली जगहों पर न जाने की एक्सपर्ट सलाह दे रहे हैं।
चीन वाले वेरिएंट के बाद इस खतरनाक वेरिएंट की भारत में एंट्री
चीन में जिस कोरोना के BF.7 वेरिएंट ने तबाही मचाई है उसकी एंट्री भारत में हो चुकी है। वहीं जिस वेरिएंट से अमेरिका में तेजी से मामले बढ़े हैं उसकी भी भारत में एंट्री हो गई। अमेरिका में कोरोना को बेहद तेजी से फैलाने वाले कोरोना के सुपर वेरिएंट XBB.1.5 की भारत में एंट्री हो चुकी है। इस महामारी के वेरिएंट पर नजर रखने वाली एजेंसी ने बताया कि इस वेरिएंट का पहला मामला गुजरात में सामने आया है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि यह वेरिएंट चीन वाले कोरोना वेरिएंट BF.7 से भी ज्यादा खतरनाक है। अमेरिका में फैले पिछले BQ.1 वेरिएंट से यह 120 गुना तेजी से संक्रमण फैलाता है।
बहुत तेजी से फैलता है वायरस, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के सब वेरिएंट XBB.1.5 अब तक यह 34 देशों में जा पहुंचा है। अब यह भारत भी पहुंच चुका है। चीन में तबाही मचा चुके BF.7 और अमेरिका-ब्रिटेन को डरा रहे XBB.1.5 वेरिएंट, दोनों ही भारत में आ चुके हैं। इस बीच वायरोलॉजिस्ट एरिक फेगल डिंग ने ओमीक्रोन के सब वेरिएंट XBB.1.5 को लेकर चेतावनी दी है और इसे सुपर वेरिएंट बताया है। डिंग के मुताबिक अमेरिका में इस वेरिएंट का संक्रमण 40 फीसदी तक हो गया है। इससे संक्रमित हो रहे लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ रहा है। न्यूयॉर्क के हॉस्पिटल में इससे संक्रमित मरीज तेजी से भर्ती हो रहे हैं। डिंग ने कहा कि कई मॉडल इसकी पुष्टि करते हैं कि XBB.1.5 का ट्रांसमिशन दर और आर वैल्यू पिछले वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा खतरनाक है।
जनवरी का महीना कोरोना के लिए काफी अहम फिर लापरवाही क्यों
कोरोना कैसे असर दिखाता है इसको देखने के बाद भी और ओमीक्रोन के नए वेरिएंट बीएफ7 को लेकर अलर्ट का असर नहीं दिख रहा है। भीड़ वाली जगहों पर लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। बाजार और भीड़ वाली जगह से मास्क गायब है लेकिन इस अलर्ट के बाद लोगों को सजग रहने की जरूरत है। भारत में खतरा कम है लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं कोरोना को लेकर जनवरी का महीना काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में सतर्कता बहुत जरूरी है। पिछले कोविड पैटर्न का हवाला देते हुए यह बात कही जा रही है कि कोविड-19 की कोई भी एक नई लहर पूर्वी एशिया में आने के लगभग 30-35 दिनों के बाद भारत में आती है। ऐसा ट्रेंड पहले भी देखा गया है।
एक संक्रमित कर सकता है18 लोगों को बीमार
बीएफ.7 कोरोना का ही एक वेरिएंट है इसकी संक्रमण क्षमता बहुत ज्यादा है। इसकी इन्क्यूबेशन अवधि भी कम है। इसके लक्षण किसी अन्य अपर रेस्पिरेटरी संक्रमण जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और नाक बहने के समान ही रहते हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति अन्य 10-18 लोगों तक पहुंचा सकते हैं। आने वाले दिनों में क्या होता है, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक ओमीक्रोन के सबवेरिएंट्स XBB.1.5, BQ.1.1, BQ.1, BA.5 और XBB तेजी से संक्रमण फैला रहे हैं। CDC का अनुमान है कि इस सप्ताह XBB.1.5 के अमेरिका में 40.5 फीसदी मामले हो चुके हैं। ऐसे वक्त में सावधानी बरतने की जरूरत है।