विज्ञान भारती और केंद्र सरकार की प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से उत्तरांचल विवि में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी आकाश तत्व में शिरकत करने पहुंची एयरो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड की ओर से प्रोटोटाइप मॉडल ‘स्पेस औरा’ को प्रदर्शित किया गया।
एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स की तर्ज पर एक भारतीय कंपनी भी पर्यटकों को अंतरिक्ष के करीब सैर कराने की तैयारी कर रही है। इस कंपनी ने स्पेसशिप का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार कर लिया है। हालांकि, कंपनी से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर करने के लिए अभी तीन साल तक इंतजार करना होगा।
विज्ञान भारती और केंद्र सरकार की प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से उत्तरांचल विवि में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी आकाश तत्व में शिरकत करने पहुंची एयरो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड की ओर से प्रोटोटाइप मॉडल ‘स्पेस औरा’ को प्रदर्शित किया गया। एयरो स्पेस टेक्नोलॉजी के फाउंडर/सीईओ आकाश पोरवाल के मुताबिक, कंपनी हाई एल्टीट्यूड स्पेस बैलून से पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर कराएगी। हाई एल्टीट्यूड स्पेस बैलून से जोड़कर स्पेसशिप को 30 से 35 किमी ऊपर अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। इस दूरी को तय करने में औसतन दो घंटे का समय लगेगा। आसमान में निर्धारित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद पर्यटक एक घंटे तक अंतरिक्ष से धरती का नजारा लेंगे।
उसके बाद स्पेसशिप में मौजूद विशेषज्ञ हाई एल्टीट्यूड स्पेस बैलून में लगे वॉल्व के जरिए हीलियम गैस को कम करेंगे, जिसके चलते स्पेसशिप गुरुत्वाकर्षण शक्ति के चलते नीचे उतरने लगेगा। सीईओ के मुताबिक, एक निश्चित ऊंचाई पर स्पेसशिप में लगा पैराशूट खोल दिया जाएगा और हाई एल्टीट्यूड स्पेस बैलून स्पेसशिप से अलग हो जाएगा। दो से ढाई घंटे में बेहद धीमी रफ्तार से स्पेसशिप को धरती पर उतारा जाएगा। सीईओ आकाश पोरवाल के मुताबिक, कई विशेषज्ञों की टीम परियोजना पर काम कर रही और उम्मीद है कि अगले तीन साल में कई टेस्टिंग उड़ान के बाद पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर कराई जा सकेगी।