भारत के नमन पहली नजर में ही पाकिस्तान की शालीन को दिल दे बैठे थे। भारत आने के बाद भी सोशल मीडिया के जरिए दोनों संपर्क में बने रहे।
नमन और शहलीन है दूर के रिश्तेदार
नमन लूथरा ने बताया कि सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बावजूद उनकी मंगेतर को पहले कई बार वीजा देने से मना किया गया था। अब दोनों परिवार शादी के बाद काफी खुश हैं। वकील नमन और लाहौर में रहने वाले शहलीन जावेद (24) दूर के रिश्तेदार हैं। उन्हें प्यार तब हुआ जब लूथरा अपने कुछ रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान गए, जिन्होंने 1947 में विभाजन के बाद नव-निर्मित देश में रहना पसंद किया था।
7 साल पहले हुई थी दोनों की सगाई
लूथरा का परिवार लाहौर से पलायन कर बटाला में बस गया था। हालांकि, उनके परदादा ने अपने परिवार के साथ लाहौर में रहने का विकल्प चुना था, बाद में उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया। रैडक्लिफ़ रेखा के दोनों ओर रहने के बावजूद दोनों परिवारों के बीच संपर्क बना रहा। लूथरा और शहलीन ने अपने रिश्तेदारों को बताया कि वे शादी करना चाहते हैं, उन्होंने 2016 में लाहौर में में सगाई कर ली। शालीन 2018 में बटाला आ गए, लेकिन उसके बाद विभिन्न आधारों पर उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया गया।
ऐसे होने लगी मुलाकातें
करतारपुर कॉरिडोर के खुलने से दोनों को पिछले साल गुरुद्वारा दरबार साहिब में एक-दूसरे से शारीरिक रूप से मिलने और उनके पुनर्मिलन के लिए आशीर्वाद लेने में मदद मिली।
इन लोगों ने की मदद
गुरदासपुर के कादियां के एक सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी मकबूल अहमद ने संबंधित सरकारी विभागों के साथ उनके मामले को आगे बढ़ाकर लूथरा और शालीन की मदद करने की बात कही और इन दोनों की मदद की। नमन और शहलीन ने उनकी मदद करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया।