ये लाइन युवा बल्लेबाज सरफराज खान पर बिल्कुल फिट बैठती है. भारतीय टीम में नहीं चुने जाने के बावजूद प्रेशर में एक और शतक लगाया, जिसे उनके कोच अमोल मजूमदार ने भी सराहा और अपनी टोपी उतारकर सिर को झुकाते हुए उनका शानदार अभिवादन किया. ये पल ही अपने आप में किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए किसी सपने से कम नहीं है कि आपके कोच खड़े होकर आप की काबलियत को सलाम कर रहे हैं.
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सरफराज खान के बल्ले से लगातार रन आ रहे हैं. रणजी ट्रॉफी में मुंबई की तरफ से खेलते हुए दिल्ली के खिलाफ सरफराज ने मंगलवार को एक और शानदार शतक लगाया. शतक लगाते ही एक तरफ सरफराज ने मैदान पर दहाड़ लगाते हुए दौड़ते नज़र आए और खुद की काबलियत को पहचनवाने के लिए अपने हाथों को अपनी जाघों पर थाप दिया. वहीं दूसरी तरफ पवेलियन में बैठे मुंबई के कोच अमोल मजूमदार ने अपना कैप उतारकर इस शतक का शानदार अभिवादन करते हुए नजर आए.
वीडियो में सरफराज की दहाड़ में जो दर्द और गुस्सा है, वो साफ जाहिर हो रहा है, जिसे कोच मजूमदार महसूस कर रहे हैं. तभी उन्होंने अपने युवा बल्लेबाज का हौसला बढ़ाया. बता दें कि सरफराज का रणजी ट्रॉफी की पिछली 23 पारियों में यह 10वां शतक है. मुंबई ने 13 रनों के भीतर अपने टॉप के चार बल्लेबाजों के विकेट खो दिए थे. इसके बाद सरफराज ने ना सिर्फ शतक लगाया बल्कि टीम को संकट से भी निकाला और छठे विकेट के लिए शम्स मुलानी के साथ 144 रनों की साझेदारी की.
भारतीय टीम में नहीं चुने जाने पर सरफराज ने दिया था इमोशनल बयान
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली आगामी टेस्ट सीरिज के लिए पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो गया है. इस टीम में घरेलू मैचों में लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाले सरफराज खान को मौक़ा नहीं मिला है, जिसके बाद क्रिकेट दिग्गजों से लेकर सोशल मीडिया पर फैंस सरफराज को टीम में शामिल नहीं किए जाने के बाद चयनकर्ताओं पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं सरफराज खान का दर्द भी बाहर आया था.
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सरफराज खान ने इंडियन एक्सप्रेस से हुई बातचीत में कहा कि वह कड़ी मेहनत करते रहेंगे. उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनका चयन भारतीय टीम में जरूर होगा.
”जहां भी जाता हूं, मुझे फुसफुसाहट सुनाई देती है कि आप जल्द ही भारत के लिए खेलेंगे. सोशल मीडिया पर मुझे टीम में नहीं शामिल किए जाने को लेकर बात हो रही है. सब बोलते हैं तेरा टाइम आयेगा. मैं चयन के अगले दिन असम से दिल्ली आया, और पूरी रात सो नहीं पाया. मैं पूछता रहा कि मैं वहां क्यों नहीं हूं? लेकिन अब पापा से बात हुई तो मैं नॉर्मल हो गया हूं. मैं अभ्यास कभी नहीं छोड़ूंगा, मैं अवसाद में नहीं जाऊंगा. चिंता मत कीजिए.”
सरफराज खान ने आगे कहा, ‘टीम में न चुने जाने के बाद मैं काफी निराश हो गया था. यह किसी के लिए भी यह स्वभाविक था. खासकर जब आपने इतने रन बनाए हों. मैं भी इंसान हूं,मशीन नहीं. मेरी भी भावनाएं हैं. मैं जब दिल्ली आया तो पापा से बात की, दिल्ली में उनके साथ मैंने खूब अभ्यास किया. मुझे कई मैसेज आते रहे कि आपका चयन टीम में होना चाहिए थे. मेरे पापा ने मुझसे बात की, और कहा कि हमारा काम रन बनाना है, और आपको मेहनत करते रहना है. फिर जहां भी मौके मिले. मेरे पापा को विश्वास है कि एक दिन आएगा जब मैं भारत के लिए खेलूंगा.’