दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे खतरनाक दशक देख रही दुनिया…अमेरिका पर भड़के रूसी राष्ट्रपति पुतिन

Russia Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि दुनिया इस समय दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से सबसे खतरनाक दशक का सामना कर रही है। रूसी राष्ट्रपति ने इसके लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका का प्रभुत्व अब खत्म हो रहा है। इसे बचाने के लिए वह हर हथकंडे अपना रहे हैं।

मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दुनिया सबसे खतरनाक दशक का सामना कर रही है। इसके लिए उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को नहीं बल्कि पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के वैश्विक प्रभुत्व का पतन हो रहा है और इसे रोकने के लिए पश्चिमी देश हाथापाई कर रहे हैं। पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन में संघर्ष को उकसाने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश एक खतरनाक और ‘खूनी खेल’ खेल रहे हैं। उनका ये खेल दुनिया भर में अराजकता पैदा कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम को दुनिया के भविष्य के बारे में रूस और अन्य प्रमुख शक्तियों से बात करनी होगी। पुतिन ने वल्दाई डिस्कशन क्लब में ये बातें कहीं। पुतिन ने वल्दाई डिस्कशन क्लब की बैठक में कहा, ‘दुनिया पर अब पश्चिम का प्रभुत्व खत्म हो रहा है। हम एक ऐतिहासिक सीमा पर खड़े हैं। दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद ये सबसे खतरनाक, अप्रत्याशित और एक ही समय में महत्वपूर्ण दशक है।’ पुतिन ने ये भी कहा कि मौजूदा दौर के टकराव के बावजूद रूस पश्चिम को अपना दुश्मन नहीं मानता।

‘दुश्मन बनना बंद करो’
उन्होंने कहा रूस का पश्चिम और नाटो के अग्रणी देशों के लिए एक संदेश है, ‘चलो दुश्मन बनना बंद करो, चलो एक साथ रहते हैं।’ पुतिन के बयान पर अमेरिका ने कहा कि उनकी टिप्पणी नई नहीं है और इससे यूक्रेन समेत उनके रणनीतिक लक्ष्यों में कोई बदलाव नहीं होता। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। इस युद्ध में पुतिन परमाणु युद्ध की धमकी भी दे चुके हैं। 1962 के सोवियत संघ और अमेरिका के बीच चले क्यूबा मिसाइल संकट के बाद दुनिया के सामने ये सबसे बड़ा खतरा है।

रूस बातचीत के लिए तैयार
पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार थे, लेकिन यूक्रेन कभी बातचीत की मेज पर नहीं बैठा। उन्होंने कहा, ‘हमसे ये नहीं पूछा जाना चाहिए कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं या नहीं। बल्कि यूक्रेन के नेताओं ने रूस से बातचीत न करने का फैसला किया। अगर अमेरिका यूक्रेन को समस्या हल करने की इजाजत देता है तो संघर्ष को खत्म करना आसान है।’ युद्ध की शुरुआत के पहले हफ्ते में ही रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत संभव नहीं हो सकी और समझौता वार्ता विफल हो गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने किसी भी तरह की बाचतीत को खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह के परमाणु युद्ध की कोई जरूरत नहीं है।