China में मिला ‘दुनिया का सबसे बड़ा गड्ढा’, 1 लाख साल पहले उल्कापिंड टकराने से हुआ था निर्माण!

Indiatimes

चीन अपने अनोखे आविष्कारों के लिए जाना जाता है. उसने कई ऐसी चीजें बना ली हैं जो आज से पहले दुनिया में कहीं देखी नहीं गई थीं. तकनीक के मामले में आगे रहने की कोशिश करने वाले चीन को प्रकृति की तरफ से भी कई ऐसी चीजें मिली हैं जो उसे नंबर एक पर ला खड़ा करती हैं. ऐसी ही एक चीज है यहां मौजूद दुनिया का सबसे बड़ा गड्ढा.

उल्कापिंड टकराने से बना था ये गड्ढा

Largest Crater Live Science

दरअसल उत्तर-पूर्व चीन में स्थित एक इम्पैक्ट क्रेटर दुनिया का ‘सबसे बड़ा गड्ढा’ है. ये एक उल्कापिंड गिरने से बना था. चंद्रमा के आकार का ये गड्ढा एक लाख साल के अंदर बना दुनिया का सबसे बड़ा गड्ढा है. नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी के अनुसार इस सबसे विशाल गड्ढे से पहले जियुयान काउंटी में पाया गया इम्पैक्ट क्रेटर चीन में खोजा गया एकमात्र गड्ढा था, जिसे 2020 में खोजा गया था. इसके बाद फिर जुलाई 2021 में वैज्ञानिकों ने पुष्टि की थी कि जिंगान पर्वत श्रृंखला में एक बड़ा सा गड्ढा बना है. जिसकी संरचना आसमान से गिरे एक विशालकाय चट्टान के धरती से टकराने के कारण हुई है.

हजारों साल पहले बना था गड्ढा

Largest Crater Global Times

वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा इस नए गड्ढे की खोज के विषय में Meteoritics and Planetary Science मैग्जीन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार गहने जंगलों से घिरा ये गड्ढा लंबाई में 1.85 किमी और गहराई में 300 मीटर तक है. 150 मीटर ऊंची सतह वाले इस गड्ढे को मूल रूप से लगभग 46,000 और 53,000 साल पुराना बताया गया है. हजारों साल में इस क्रेटर का दक्षिणी हिस्सा गायब हो चुका है लेकिन बाकी गड्डा अभी भी सुरक्षित है.

झील दलदल में बदल गई

Largest Crater Twitter

इस विशालकाय गड्ढे का निर्माण कैसे हुआ होगा, यह भी एक बड़ा प्रश्न है. वैज्ञानिकों ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए क्रेटर की खुदाई करने के साथ इसकी मिट्टी की जांच की और पाया कि इसका निर्माण हजारों साल हुआ था. ये तब हुआ था जब एक विशालकाय उल्कापिंड धरती से टकराया था.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस गड्ढे के नीचे एक झील हुआ करती थी, जो कि अब एक दलदल में बदल चुकी है. कहा जाता है कि इस क्रेटर नीचे ग्रेनाइट पत्थरों की एक मोटी परत भी मौजूद है. वैज्ञानिकों के अनुसार उल्कापिंड धरती से बहुत तेजी में टकराया था. इस जबरदस्त टक्कर की वजह से ग्रेनाइट की परत कई हिस्सों में टूट गई थी और कई ग्रेनाइट पत्थर पिघल गए थे.

सबसे पुराना गड्ढा है 200 करोड़ साल पुराना

Largest Crater Twitter

रिपोर्ट्स के मुताबिक उल्कापिंड की धरती से टक्कर के दौरान 1200 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पैदा हुआ था और इस तापमान ने कई ग्रेनाइट पत्थरों को क्रिस्टल में बदल दिया. इस क्रेटर का नाम यीलान रखा गया है, जिसे पड़ोसी शहर यीलान के नाम पर रखा गया था.  बताया जाता है कि धरती से टकराने वाला उल्कापिंड करीब 100 मीटर चौड़ा रहा होगा. बता दें कि अब तक 190 इम्पैक्ट क्रेटर की खोज की जा चुकी हैऔर इनमें से धरती पर मौजूद सबसे पुराना गड्ढा 200 करोड़ साल पहले बना था.