Three Gorges Dam: चीन ने दुनिया का सबसे बड़ा डैम बनाया है। ये इतना बड़ा है कि इसका असर पर्यावरण पर भी पड़ा है। इसे बनाने में कुल 18 साल का लंबा समय लगा है। इसके निर्माण का काम साल 1994 में शुरू हुआ था और 2012 में यह बनकर तैयार हो गया था।
नई दिल्ली: दुनिया में बहुत सारे बांध बनाए गए हैं। बांध बनाने के कई फायदे होते हैं। इनको बाढ़ को रोकने और बिजली पैदा करने आदि कई कामों के लिए बनाया जाता है। लेकिन आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े बांध (Dam) के बारे में बताने जा रहे हैं। इसे बनाने में 18 साल का समय लग गया था। ये बांध (Three Gorges Dam) इतना बढ़ा है कि इसकी वजह से धरती के घूमने की स्पीड तक कम हो गई। इससे दिन कुछ बड़े हो गए हैं। इस बांध (Dam) से इतनी बिजली पैदा हो रही है, जिससे कई छोटे देशों को रोशन किया जा सकता है। इस विशालकाय बांध को बनाने में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत आई है। आईए आपको बताते हैं इसके बारे में।
इस देश में है ये बांध
हम जिस बांध की बात कर रहे हैं उसका नाम ‘थ्री गोर्जेस डैम’ (Three Gorges Dam) है। ये बांध चीन ने बनाया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, 2.3 किलोमीटर लंबा, 115 मीटर चौड़ा और 185 मीटर ऊंचा यह बांध (Dam) दुनिया का सबसे बड़ा पनबिजली बांध है। यह बांध (Three Gorges Dam) चीन के हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी पर बना हुआ है, जिसे दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी माना जाता है और जिसकी लंबाई छह हजार किलोमीटर से भी अधिक है। कहा जाता है कि इस विशालकाय बांध को बनाने में ढाई लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत आई है। इसे बनाने में कुल 18 साल का लंबा समय लगा है। इसके निर्माण का काम साल 1994 में शुरू हुआ था और 2012 में यह बनकर तैयार हो गया था।
हजारों टन स्टील का हुआ इस्तेमाल
रिपोर्टस बताती हैं कि ‘थ्री गोर्जेस डैम’ को बनाने में करीब चार लाख 63 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। ये इतनी ज्यादा स्टील है कि इससे कई एफिल टॉवर खड़े किए जा सकते हैं। चीन का यह डैम अमेरिका के महान हूवर डैम से 11 गुना अधिक बिजली पैदा कर सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इसमें 22,400 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है, यानी बिजली के उत्पादन में इसका कोई जवाब नहीं है।
इस वजह से धरती के घूमने की गति हुई कम
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस बांध (Three Gorges Dam) के जलाशय में इतना पानी इकट्ठा किया गया है कि इससे पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से पृथ्वी के घूमने की गति कुछ धीमी पड़ गई है। पृथ्वी के घूमने की गति धीमी होने से एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया है, यानी अब दिन थोड़ा लंबा हो गया है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस बांध के बनने की वजह से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव भी अपनी-अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं, जबकि अन्य ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ी सी चपटी भी हो गई है। इस डैम से हुए इस नुकसान को देखकर अब वैज्ञानिक भी हैरान हैं। इस डैम ने पृथ्वी के वातावरण पर असर डाला है।
डैम से हुए हैं कई नुकसान
इस विशाल डैम (Three Gorges Dam) के बन जाने के फायदे तो हैं लेकिन नुकसान भी हैं। इसके बनने से आस-पास के क्षेत्र में भूस्खलन (Mudslide) और भूकंप का खतरा बढ़ गया है क्योंकि ये भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र में आता है। वहीं 300 से ज्यादा मछली की प्रजातियां और कई जीव-जंतुओं का इस बांध के बन जाने से आवागमन बाधित हो गया है, जिससे उनका विकास और अस्तित्व संकट में पड़ गया है। थ्री गोर्गेस डैम (Three Gorges Dam) के विशाल जलाशय का पानी भरने से कई जंगल, खेती वाली जमीन, मिट्टी के मैदान पानी में डूब गए। इससे मिट्टी की सतह का कटाव (Erosion) होगा और ये मिट्टी (Silt) नदी की तलहटी व जलाशय के नीचे जमा होने लगेगी। इसकी वजह से आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना बढ़ेगी और उपजाऊ मिट्टी जलाशय के बेस मे जमा होने से बहाव के पास के खेतों के जमीन की उर्वरता (Fertility) कम होगी। इतना ही नहीं थ्री जॉर्ज डैम के बनने के बाद करीब 14 लाख लोगों को अपने घर को छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा था।