नाहन, 27 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के मुख्यालय के समीपवर्ती गांव में इस साल लगातार चौथी बार गुच्छी ( Morchella) का भंडार मिला है। हिमाचल के निचले इलाकों में बाजार की सबसे महंगी सब्जी का लगातार मिलना एक अचंभा तो है ही, साथ ही इस बात पर मुहर लग गई है कि पैदावार के लिए मौसम अनुकूल है। गुच्छी के मिलने की खबरें लगातार सामने आती रही है, लेकिन शोधकर्ता रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
अक्तूबर 2019 में भी जलापड़ी गांव में विक्रम सिंह को घर के नजदीक जंगल में गुच्छी का भंडार मिला था। चौथे साल भी दोबारा गुच्छियां मिलने से परिवार उत्साहित है। चूंकि, गुच्छी बाजार की सबसे महंगी सब्जी है। अमूमन यह आम आदमी की पहुंच से दूर होती है। जलापड़ी गांव के विक्रम सिंह ने बताया कि इस बार करीब 300 ग्राम गुच्छी मिली है।
करीब 3 हजार फीट की ऊंचाई पर गुच्छी का बा -बार मिलना अच्छा संकेत माना जा रहा है। कुछ साल पहले मशरूम अनुसंधान केंद्र चंबाघाट ने कृत्रिम तौर पर भी गुच्छी को उगाने में सफलता हासिल की थी। सामान्य तौर पर गुच्छी 5 हजार से अधिक ऊंचाई पर पाई जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि बिजली कड़कने के दौरान गुच्छी जमीन से निकलती है।
गौरतलब है कि दो साल पहले हिमाचल के बिलासपुर व सुंदरनगर से भी जंगलों में गुच्छी (Gucci Mashroom) मिलने की खबरें आई थी। खास बात ये है कि पिछले काफी समय से इलाके में मौसम साफ़ है, लिहाजा ऐसे में बिजली के कड़कने ( lightning strikes) पर पैदावार होने की बात पर भी संशय होने लगा है।
ऐसा तर्क है कि गुच्छी में प्रोटीन, फाइबर, आयरन के अलावा कई विटामिन विशेषकर विटामिन डी अधिक मात्रा में होता है। इसके अलावा सूजनरोधी तत्व भी मौजूद हैं। पहाड़ों में कहा जाता है कि इसके सेवन से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं। दिल से जुड़ी बीमारी है,तो इसके सेवन से लाभ मिलता है।