जिला की नगर परिषद संतोषगढ़ के साथ सटी सोमभद्रा (स्वां) नदी की सुंदरता को गंदगी का दाग लग रहा है। यहां लोगों द्वारा बड़े स्तर पर फटे पुराने कपड़े, पूजा सामग्री और अन्य गली सड़ी चीजों को फेंका जा रहा है। स्थानीय नगर परिषद व प्रशासन फिलहाल इस प्राचीन नदी के रख-रखाव की जिम्मेदारी को निभा नहीं रही है।
नगर परिषद संतोषगढ़ इसकी सफाई व्यवस्था के लिए सीधे रूप से हाथ पीछे खींच रही है। नगर परिषद व प्रशासन की बेरूखी के चलते संतोषगढ़ क्षेत्र के ही कुछ युवाओं ने स्वां नदी की साफ़-सफाई का बीड़ा उठाया है। इसी कड़ी में युवाओं ने स्वां नदी में सफाई अभियान चलाते हुए नदी में गिरे हुए गंदे कपड़े, पॉलीथिन आदि अन्य सामग्री निकाली।
युवाओं में नरेश कुमार भोला व अंकुश ने बताया कि उन्होंने नगर परिषद से नदी में सफाई को लेकर मांग की थी, लेकिन उन्होंने इसकी जिम्मेदारी न होने की बात कही। युवाओं का कहना है कि सरकार और प्रशासन संतोषगढ़ पुल पर नंगल डैम की तरह जाल लगाएं ताकि ऊपर से कोई गंदगी यहां न फेंक पाए।
आखिर पूजनीय नदी का रखवाला कौन है, यह सरकार और प्रशासन स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि एक छोर से दूसरे छोर तक जिला को एक सूत्र में पिरोने का काम करने वाली यह खूबसूरत नदी लोगों द्वारा गंदगी का डंप बनाई जा रही है, जिसे सहन नहीं किया जा सकता।
उन्होंने यह भी बताया कि कई बार प्रशासन को इस मर्तबा सूचित किया गया। जबकि स्थानीय लोगों को भी गंदगी नहीं फैलाने को लेकर जागरूक किया। लेकिन न तो लोग सुनने को तैयार हैं और न ही प्रशासन मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहा है।