Infosys co-founder Narayana Murthy: उन्होंने बताया कि वो साल 2008 से लेकर साल 2012 के बीच लंदन में एचएसबीसी के बोर्ड में हुआ करते थे। इस दौरान उन्होंने एक चीज देखी थी। ये वो समय था जब चीन का जिक्र दो से तीन बार हुआ करता था। वहीं भारत का नाम सिर्फ एक बार लिया जाता था।
नई दिल्ली: आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (Infosys co-founder Narayana Murth) शुक्रवार को अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान में थे। वे यहां युवा उद्यमियों और छात्रों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने साल 2008 का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने (Infosys co-founder Narayana Murth) बताया कि वो साल 2008 से लेकर साल 2012 के बीच लंदन में एचएसबीसी के बोर्ड में हुआ करते थे। इस दौरान उन्होंने एक चीज देखी थी। ये वो समय था जब चीन का जिक्र दो से तीन बार हुआ करता था। वहीं भारत का नाम सिर्फ एक बार लिया जाता था। वो बताते हैं कि जब साल 2012 में जब उन्होंने एचएसबीसी छोड़ा था उस समय बैठकों में भारत का जिक्र शायद ही होता था। वहीं चीन की बात करें तो चीन का नाम 30 बार तक लिया जाता था।
चीन ने भारत को छोड़ा पीछे
इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (Infosys co-founder Narayana Murth) ने कहा कि चीन ने महज 44 सालों में भारत को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा दुर्भाग्य से उन्हें नहीं मालूम कि बाद के सालों में भारत के साथ क्या हुआ था। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह एक असाधारण शख़्स थे और मेरे मन में उनके लिए बड़ी इज्जत थी, लेकिन फिर भी भारत का विकास यूपीए के दौर में अवरुद्ध हो गया। ये वो समय था जब फ़ैसले नहीं लिए जा रहे थे और हर काम में देरी हो रही थी।” भारत इस दौरान लगातार चीन से पिछड़ता चला गया। उन्होंने कहा कि अब इसलिए उन्हें लगता कि ये आपकी पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि लोग भारत का नाम हर उस जगह पर लें जहां वे दूसरे देशों का जिक्र करते हैं, ख़ासकर चीन के बारे में।
आज भारत के लिए है सम्मान की भावना
इंफोसिस के पूर्व चेयरमैन(Infosys co-founder Narayana Murth) ने कहा कि एक वक़्त था कि जब पश्चिमी देशों के लोग भारत की तरफ़ देखा करते थे लेकिन आज उनके मन में हमारे लिए इज्जत की भावना है। भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
एनडीए सरकार की योजनाओं से भारत की बढ़ी साख
उन्होंने (Infosys co-founder Narayana Murth) कहा, “मनमोहन सिंह जब वित्त मंत्री थे और साल 1991 में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई और मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं शुरूं की, इनसे भारत की साख बढ़ी है।” उन्होंने कहा कि “जब मैं आपकी उम्र का था तो उस वक़्त कोई जिम्मेदारी नहीं थी क्योंकि न तो कोई मुझसे कुछ उम्मीद रखता था और न ही भारत से, लेकिन आज ये उम्मीद की जा रही है कि आप देश को आगे ले जाएंगे। मुझे लगता है कि आप लोग भारत को चीन का एक योग्य प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं।”