फिर ‘अनंतमय’ हुआ मोकामा, RJD की नीलम देवी जीतीं, जानें उनका राजनीतिक सफर

मोकामा उपचुनाव में सजायाफ्ता पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज की. (File Photo)

मोकामा उपचुनाव में सजायाफ्ता पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज की

मोकामा: बिहार के मोकामा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुकाबला दो बाहुबलियों की पत्नियों बीच सीधा था. यहां आरजेडी से पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी और बीजेपी से बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी उम्मीदवार थीं. ललन सिंह कुछ दिन पहले ही जेडीयू छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. आज इस सीट का नतीजा आया तो अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को 16488 वोटों से हरा दिया. आरजेडी प्रत्याशी को 70746 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 54258 वोट मिले. नीलम देवी ने कहा कि हमारी जीत शुरू से ही पक्की थी। बस मतों का अंतर देखना था. उन्होंने कहा कि जनता मालिक होती है. अनंत सिंह हमेशा मोकामा की जनता के साथ रहे हैं, इसलिए वहां की जनता उन्हें हर बार आशीर्वाद देती है. यहां ‘छोटे सरकार’ के टक्कर में कोई नहीं.

पहले अनंत सिंह ही मोकामा सीट से​ विधायक थे, लेकिन उन्हें सजा हो गई, जिससे उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई और मोकामा में उपचुनाव कराना पड़ा. मोकामा में शुरू से ही बाहुबलियों की धमक रही है. यहां से जीतता वही है जिसके पास बाहुबल और धनबल है. ललन सिंह यहां से 2 बार अनंत सिंह के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. एक बार 2005 में एलजेपी और दूसरी बार 2015 में जन अधिकार पार्टी के टिकट पर. साल 2010 में उनकी पत्नी सोनम देवी लोजपा से अनंत सिंह के खिलाफ लड़ी थीं. तीनों ही मौकों पर ललन सिंह या उनकी पत्नी सोनम, अनंत सिंह के खिलाफ जीत तो नहीं सके, लेकिन डटकर मुकाबला किया.

वहीं, अगर अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के राजनीतिक सफर के बारे में बात करें तो उन्होंने पहली बार 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था. नीलम देवी को जेडीयू से लड़ रहे ललन सिंह ने करीब 1 लाख 68 हजार से अधिक वोटों से हराया था. उस चुनाव में नीलम देवी को करीब 3 लाख 60 हजार वोट मिले थे, वहीं ललन सिंह को 5 लाख 28 हजार वोट मिले थे. कभी बाहुबली रहे व पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता सूरजभान सिंह के काफी करीबी रहे हैं ललन सिंह.

एक जमाने में सूरजभान की अनंत सिंह व उनके भाई दिलीप सिंह से जो अदावत थी किसी से छिपी नहीं है. ललन सिंह भूमिहार जाति से आते हैं. उनकी पत्नी को टिकट देकर बीजेपी ने भूमिहारों को साधने की कोशिश की थी. मोकामा भूमिहार बहुल क्षेत्र है. 1995 के बाद बीजेपी यहां उम्मीदवार उतार रही है. वहीं, अनंत सिंह भी भूमिहार जाति से आते हैं. उनकी पत्नी नीलम देवी महागठबंधन उम्मीदवार होने के नाते मजबूत स्थिति में रहीं. अनंत सिंह का मोकामा में अपना बड़ा जनाधार है. वह यहां से लगातार 5 बार विधायकी का चुनाव जीते हैं. उनके भाई दिलीप सिंह भी यहां से जीतते रहे थे.

आरजेडी, जेडीयू और महागठबंधन के अन्य दलों का वोट नीलम देवी को भरपूर मिला ऐसा प्रतीत होता है. इन सब के बावजूद चुनाव दिलचस्प रहा, और सोनम देवी ने एकतरफा जीत नहीं होने दी. मोकामा में भूमिहार वोटरों का वर्चस्व है. भूमिहार के बाद यहां ब्राह्मण, कुर्मी, यादव, पासवान वोटरों की तादाद है. वहीं इस सीट पर राजपूत और रविदास जातियों के भी वोटर हैं. लेकिन माना जाता है कि जिसके पाले में सवर्ण (भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत) वोट जाएंगे उसकी जीत तय है. मोकामा एकमात्र ऐसी सीट है जहां जातीय समीकरण सबसे ज्यादा हावी रहते हैं. मोकामा सीट के कुल वोटर 2,70,755 हैं, जिसमें पुरुष वोटर 1,42,425 व महिला वोटर 1,28,327 हैं. अनंत सिंह को कोर्ट ने एके-47 बरामदगी के मामले में दस साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी.