इसकी ताज़ी सब्ज़ी के अनेक फायदे हैं, आप घर के गमले में ऐसे ग्रीन बीन्स का पौधा उगा सकते हैं,

हमें बचपन से ही बड़े बुजुर्गों ने बताया हैं की हरी सब्जियां खाना हमारे लिए बहुत जरुरी हैं। परन्तु आज के इस मॉर्डन युग में लोग खासकर के बच्चे हरी सब्जियां खाने से दूर भागते हैं। जबकि यह हरी सब्ज़ियां (Green Vegetables) उन्हें लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।

कई बार डॉक्टर भी हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। आज हम यहाँ एक हरी सब्ज़ी की बात करेंगे। आपने ग्रीन बीन्स (Green beans) का सेवन तो किया ही होगा। इसे भारत में देशी भाषा से हरी सेम या सेमी की सब्ज़ी कहा जाता हैं। ग्रीन बीन्स सबसे पुराने समय से कल्टिवेट की जाने वाली सब्जियों में से एक हैं।

आप ग्रीन बीन्स आसानी से घर पर ही उगा सकते हैं

यह सब्ज़ी सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने वाली सब्ज़ी हैं। आप ग्रीन बीन्स खरीदने के अपने पास के मार्किट जाते ही होंगे या सब्ज़ी ठेले वाले से खरीद लेते होंगे। पर आप थोड़ी मेहनत करके खुद ही आसानी से घर पर ही इसे उगा सकते हैं। आज अपने घर के छोटे से गार्डन में हरी सेम (Hari Sem) की पैदावार कर सकते हैं।

अब हम आपको ग्रीन बीन्स का पौधा गमले (Green Beans at Flower Pot) में लगाने के बारे में बताने जा रहे हैं। आज इस विधि से आसानी सेहरी सेम बो कर खुद ही उगाकर इसे इतेमाल कर सकेंगे। आपको ग्रीन बीन्स का पौधा लगाने के लिए इनके बीज, मिट्टी, गमला, खाद और पानी की जरुरत होगी।

ग्रीन बीन्स का पौधा गमले में उगाने की विधि

चाहे कोई भी फल या पौधा उगाना हो, अच्छी क्वालिटी के बीज सबसे ज़रूरी है। ऐसे में ग्रीन बीन्स के सही बीज इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है। अच्छी क्वालिटी का बीज खरीदने के लिए आपको किसी बीज भंडार से संपर्क करना होगा। बीज भंडार में कई किस्म के सस्ते बीज मिल जाते हैं। जो पौधों की अच्छी पैदावार में अच्छे होते हैं।

हरी सेम से अच्छे बीज मिल जाते के बाद मिट्टी रेडी रखें। पौधा लगाने के पहले कुछ घंटे के लिए सेम के बीज को पानी में भिगोकर छोड़ दें। गमले में डालने वाली मिटटी को फोड़कर एक दिन के लिए धूप में छोड़ दें। इससे मिट्टी में मौजूद कीड़े निकल जाते हैं। फिर नेक्स्ट दिन मिट्टी में 2 गिलास खाद डालकर अच्छे से मिला दें।

फिर मिटटी और खाद के मिश्रण को गमले में डाल ले। आपके गमले में निचली सतह पर पानी की निकासी के लिए एक छोटा छेद जरूर होना चाहिए। अब पानी में से बीज को निकालकर गमले में लगभग 1-2 इंच अंदर तक दबाकर ऊपर से मिट्टी भर दें। इसके बाद थोड़ा पानी डाल दें।

जैविक खाद का उपयोग करें

हरी बीन्स को उगाने के लिए सही खाद का इस्तेमाल करें। केमिकल वाली खाद के इस्तेमाल से पौधे जल्द खराब हो जाते हैं। ऐसे में आप किसी भी पौधे की पैदावार के लिए जैविक खाद का उपयोग करें। गाय, भैंस जैसे जानवरों का गोबर किसी भी पौधे के लिए सबसे उत्तम खाद है। कम्पोस्ट खाद का भी आप उनयोग कर सकते हैं।

अब जब आपका पौधा निकलने लगे या बड़ा होने लगे, तो पौधे (Green beans plant) को मौसमी कीड़ों से बचाने के लिए बीच बीच में कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव करते रहें। आप घर पर ही बेकिंग सोडा, नीम का तेल, सिरका जैसी कई चीजों से पौधे के लिए कीटनाशक स्प्रे बना सकते हैं।

 

फिर करीब 7-8 महीने बाद जब पौधा बड़ा हो जाये, तो उसमें आपको छोटे-छोटे फल देखने को मिलेंगे। फिर कुछ महीने बाद आपको पौधे में हरी सेम दिखाई देने लगेंगी। एक पौधा में लगभग 1-2 किलो ग्रीन बीन्स आसानी से निकल जाते हैं। आप इन बीन्स को बड़ा होने पर सब्जी बनाने के लिए तोड़ सकते हैं।

ग्रीन बींस अर्थात हरी सेम बहुत फायदेमंद (Green Beans Benefits) हैं

ग्रीन बींस में भरपूर रूप से विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के और विटामिन बी पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह फॉलिक एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें सिलिकॉन, कैल्शियम, मैंगनीज, आयरन, प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, पोटैशियम और कॉपर जैसे तत्व भरपूर रूप से होते हैं।

 

इसके साथ ही हरी बींस के सेवन से वजन भी घटता है। हरी बींस स्वाद में जितना अच्छा होता है, सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद (Benefits of Green Beans) भी है। इसके सेवन से शरीर को सभी तरह के पौष्टिक तत्व मिल जाते हैं।