अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है, कब, कहां और कैसे शुरू हुआ?

हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर लोग उन महिलाओं को शुभकामनाएं भेजते हैं, जिनका उनके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है. इसके साथ ही लोग महिलाओं के त्याग और परिश्रम के लिए इस खास दिन उनके प्रति सम्मान की भावना भी दिखाते हैं. सोशल मीडिया के चलन के बाद से इस दिन को काफी महत्व मिलने लगा है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं कि आखिर इस खास दिन को मनाया क्यों जाता है और इसकी शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई? अगर आप भी नहीं जानते अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day)से जुड़ी खास बातें तो आइए जानते हैं:

1. कब और कहां से शुरू हुआ महिला दिवस?

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8 मार्च को महिलाओं के लिए विशेष माना जाने वाला यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं के सम्मान में मनाना शुरू किया गया, जिन्होंने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अपने अधिकारों की मांग करते हुए एक बड़ा आंदोलन किया. इस विशेष दिन की नींव 1908 में तब रखी गई जब न्यूयॉर्क की 15 हज़ार महिलाओं ने एक साथ मिल कर आंदोलन किया. इन महिलाओं से समय से ज़्यादा काम लिया जाता था.

आंदोलनरत महिलाओं ने मांग रखी थी कि उनके प्रतिदिन के काम के घंटों में कम किए जाए. इसके अलावा महिलाओं ने वोट देने का अधिकार भी मांगा. कहते हैं यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई थी. परिणाम स्वरूप एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया.

2. एक राष्ट्रीय आयोजन अंतरराष्ट्रीय कैसे बना?

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महिलाओं के इस आंदोलन के बाद सबसे पहले अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय महिला दिवस मनाना शुरू किया, लेकिन इस राष्ट्रीय आयोजन को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1911 में मनाया गया.  इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार सबसे पहले क्लारा जेटकिन नामक महिला को आया.  1910 में कोपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में क्लारा ने पहली बार यह विचार दुनिया के सामने रखा.  

क्लारा के इस सुझाव को समर्थन मिला उन 100 महिलाओं का जो 17 देशों की प्रतिनिधि के रूप में इस कांफ्रेंस का हिस्सा बनने आई थीं.  क्लारा के इस सुझाव को मंज़ूरी मिली तथा 1911 में राष्ट्रीय महिला दिवस को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में बदल दिया.  2011 में इस विशेष दिन की शताब्दी मनाई गई तथा इस साल दुनिया महिला दिवस की 110वीं वर्षगांठ मना रही है. 

बता दें कि इस दिवस को आधिकारिक तौर पर मनाने की घोषणा 1975 में तब की गई जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे मनाना शुरू किया.

3. कब और कैसे मनाया जाता है महिला दिवस?

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भले ही क्लारा के दिए हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के सुझाव को मंज़ूरी मिल गई थी लेकिन इसके बाद भी यह बात स्पष्ट नहीं हुई थी कि इस आयोजन को हर साल किस दिन मनाया जाएगा.  यह वर्ष 1917 था जब रूसी महिलाओं के एक आंदोलन ने यहां की सत्ता में बड़ा उलट फेर कर दिया.  यह आंदोलन यहां की महिलाओं द्वारा रोटी और शांति की मांग के लिए किया जा रहा था. 

चार दिन चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद महिलाओं की जीत हुई तथा तत्कालीन रूसी ज़ार को सत्ता छोड़नी पड़ी.  इसके साथ ही यहां की महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी मिला.  बता दें कि जिस दिन रूसी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जूलियन कैलेंडर के मुताबिक वह तारीख थी 23 फरवरी और दिन था रविवार.  वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक़ यह तारीख 8 मार्च थी. 

इस तरह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाने लगा. 1996 से यह विशेष दिन हर साल एक नए थीम के आधार पर मनाया जाता है.  इस साल संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार इस आयोजन के लिए एक थीम निर्धारित किया थी, जो थी ‘अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ. ’ इस तरह 2021 में भी यह विशेष दिन एक थीम पर आधारित है और यह थीम है ‘चूज़ टू चैलेंज’. 

4. महिला दिवस के लिए कौन से रंग हैं खास?

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1908 में ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन (डब्ल्यूएसपीयू) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए तीन रंग चुने.  यह रंग थे बैंगनी, हरा और सफेद.  इन तीनों रंगों का अलग अलग महत्त्व है.  जैसे कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन के अनुसार हरा रंग उम्मीद को दर्शाता है, बैंगनी रंग प्रतीक है न्याय और गरिमा का और सफेद रंग दर्शाता है शुद्धता को. 

यह दिन महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है.  समाज, राजनीति तथा अर्थशास्त्र में महिलाओं की पहुंच कितनी बढ़ी है, इस बात के लिए मनाया जाता है ये खास दिन.  इसके अलावा इस दिन दुनिया को महिलाओं के साथ होने वाली असमानताओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है. हर देश में इस दिवस को मनाने के अलग अलग तरीके हैं. आज के दिन कई देशों में अवकाश रहता है.

वहीं रूस में इन दिनों फूलों की बिक्री बढ़ जाती है.  द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद रोम से शुरू हुए चलन के बाद इटली में इस दिन लोग एक दूसरे को छुई-मुई का फूल देते हैं.  वहीं अमेरिका में ‘मार्च’ को महिला इतिहास का महीना माना जाता है.  भारत सहित अन्य देशों में इस दिन लोग अपने जीवन में महत्व रखने वाली महिलाओं को शुभकामना संदेश भेजते हैं.