बिहार के सुपौल गांव में भारत नेपाल की सीमा के बीचों-बीच स्थित राम जानकी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। भगवान राम और देवी सीता भले ही दोनों अलग-अलग देश की सीमा में आते हैं, पर दोनों देशों के लोगों के अनुसार यह मंदिर आपसी सद्भाव की मिसाल है।
भारत में राम सीता के कई मंदिर हैं। बिहार के सुपौल में भी राम सीता का एक मंदिर है, जो भारत-नेपाल की सीमा के बीचों बीच बना हुआ है। सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह सच है। दो देशों के बीच बॉर्डर की कहानी तो आपने कई बार सुनी होंगी, लेकिन बॉर्डर पर स्थित राम जानकी मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। भले ही मंदिर अन्य मंदिरों की तरह इतना प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों की मंदिर के प्रति बहुत श्रद्धा और आस्था है। यह मंदिर सौहार्द की मिसाल है। यह बड़ा ही अनोखा मंदिर है। यहां भगवान राम भारत के हिस्से में हैं, तो सीता मैया नेपाल के। यह मंदिर सुपौली जिले के निर्मली प्रखंड के कुनौली गांव में भारत नेपाल के बॉर्डर पर स्थित है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में और दिलचस्प बातें-
दो देशों के लोग पूजा करने आते हैं –
यहां के लोगों का कहना है कि इस मंदिर में पूजा करने के लिए दोनों देशों से लोग आते हैं। पता ही नहीं चलता कि कौन किस देश का है। यहां तक की यहां होने वाले आयोजनों और समारोह में भी दोनों देशों के लोग हिस्सा लेते हैं। लोगों के बीच न तो कोई मतभेद है और न ही लड़ाई । सभी कार्यक्रम यहां मिलजुल कर होते हैं।
सद्भाव की मिसाल है ये मंदिर –
राम और सीता भले ही दोनों अलग-अलग देश की सीमा में आते हैं, पर दोनों देशों के लोग इसे आपसी सद्भाव की मिसाल मानते हैं। उनके अनुसार, आज तक मंदिर के कारण लोगों के बीच कभी तनाव पैदा नहीं हुआ। दोनों देशों के लोग आपस में मिलजुलकर रहते हैं और मंदिर में पूजा अर्चना भी करते हैं।