अलगाववादियों का गढ़ रहे लाल चौक पर भी भोले के भक्त बेखौफ होकर जयकारे करते रहे। शंकराचार्य मंदिर और लाल चौक से कुछ दूरी पर हनुमान मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। पर्यटक सीजन के साथ ही अमरनाथ यात्रियों के पहुंचने से पूरा श्रीनगर पैक हो गया है।
आतंकी गतिविधियों को लेकर संवेदनशील श्रीनगर शहर की सड़कों पर बाबा बर्फानी के भक्तों में न तो दहशतगर्दों का खौफ दिखा और न ही पत्थरबाजों का डर। अपने ही धुन में भगवान शिव के भक्त मगन दिखे। पंथा चौक पर आधार शिविर से लेकर डल झील तक बम-बम भोले के जयघोष गूंज रहे हैं। यहां तक कि अलगाववादियों का गढ़ रहे लाल चौक पर भी भोले के भक्त बेखौफ होकर जयकारे करते रहे। शंकराचार्य मंदिर और लाल चौक से कुछ दूरी पर हनुमान मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।
बालटाल रूट से पवित्र गुफा की तरफ जा रहे ज्यादा भक्त कोरोना काल के दो साल बाद शुरू हुई यात्रा के लिए बालटाल रूट से पवित्र गुफा जाने के प्रति श्रद्धालुओं का रुझान पहलगाम रूट की अपेक्षा अधिक है। पर्यटक सीजन के साथ ही अमरनाथ यात्रियों के पहुंचने से पूरा श्रीनगर पैक हो गया है। सभी होटल फुल हैं। जो खाली भी हैं वहां किराया आम दिनों की तुलना में काफी अधिक हो गया है।
डल किनारे के होटलों व शिकारे और होटलों में भी भीड़
डल किनारे के होटलों व शिकारे के साथ ही शहर के अन्य हिस्सों के होटलों में भी भीड़ है। शंकराचार्य मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचीं इंदौर की ज्योति व उनकी बेटी पारूल का कहना है कि काफी दिनों से बाबा के दर्शर्न की इच्छा थी, जो इस बार पूरी होती दिख रही है। वह अपने परिवार के साथ आई हैं। बहुत कुछ यहां के बारे में उल्टा सीधा सुन रखा था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं दिखा।
सुरक्षा बल पर्याप्त संख्या में तैनात
हर ओर शांति है। सुरक्षा बल पर्याप्त संख्या में तैनात हैं। डर नाम की चीज ही नहीं है। यहीं एक अन्य दर्शनार्थी रोपण निवासी राजिंदर सिंह का कहना था कि वह परिवार के छह सदस्यों के साथ आए हैं। तीन जुलाई को यात्रा पर जाना है तो उन्होंने कश्मीर घूमने का भी प्लान बना लिया।
वह यहां की खूबसूरती निहारने के साथ ही दर्शन पूजन कर रही हैं। बहुत ही आध्यरात्मक अनुभव हो रहा है। देर रात तक डल किनारे भी घूमना फिरना हुआ, लेकिन कहीं भी डर नहीं लगा। सभी लोग मदद को तत्पर दिखे।
जैसा सुना था वैसा कुछ भी गलत देखने को नहीं मिला
हनुमान मंदिर में 10-12 लोगों का एक समूह दर्शन करने आया था। यह जत्था उत्तर प्रदेश के रायबरेली का था। इसमें शामिल अजय कुशवाहा, रोशन लाल व आशुतोष पांडेय ने जय बजरंगबली के जयकारे लगाते हुए बताया कि जैसा माहौल के बारे में सुना था वैसा कुछ भी नहीं देखने कोर मला।
हम सब लोग पिछले पांच दिन से यहां हैं। खूब घूम फिर रहे हैं। मंदिरों में भी गए। सड़कों पर जय श्रीराम, जय बजरंग बली व बाबा भोले के नारे लगाए, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने कोई प्रतिक्र्तिया व्यक्त नहीं की। कहीं कोई खौफ जैसा वातावरण नजर नहीं आ रहा है।
खरीदारों से खिल चेहरे
शंकराचार्य मंदिर के बाहर पटरी पर महिलाओं के सौंदर्य की सामग्री तथा जूस बेचने वालों के चेहरे यात्रियों की आमद से खिले हुए हैं। दुकानदार रियाज अहमद व परवेज ने बताया कि श्रीनगर में पर्यटकों की आमद पिछले कुछ महीनों से काफी अधिक है।
अमरनाथ यात्रियों की संख्या भी काफी अधिक
काम पहले भी अच्छे से चल रहा था, लेकिन अमरनाथ यात्रियों की संख्या भी काफी अधिक है। इससे धंधा और अधिक चलेगा क्योंकि जुलाई में स्कूल-कॉलेज खुल जाने की वजह से पर्यटकों की संख्या कम होने की आशंका है। ऐसे में अमरनाथ यात्रियों से रोजी रोजगार को बूस्ट मिलेगाष