हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रहे मौसम के बदलाव में फ्रिज का पानी गला खराब कर सकता है, जबकि मटके के पानी से ऐसा कुछ नहीं होता।
देश-प्रदेश में आए दिन गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। खासकर उत्तर भारत के कई राज्यों में तो हालात बदत्तर होते जा रहे हैं। तेज धूप की वजह से लोग घरों में कैद हो जा रहे हैं। इस तपती गर्मी में प्यास से न सिर्फ मनुष्यों का बल्कि, पशु-पक्षियों का भी बुरा हाल है। बहरहाल, गर्मी में ठंडे पानी की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन ठंडे पानी से असल में प्यास नहीं बुझती। ऐसे में अगर आपको ठंडा पानी इस भरी गर्मी में पीना है कि तो वे फ्रिज का नहीं बल्कि मटके का ट्राय करें।
जी हां, दावा किया जाता है कि मटके का पानी सेहत के लिए लाभदायक है। हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रहे मौसम के बदलाव में फ्रिज का पानी गला खराब कर सकता है, जबकि मटके के पानी से ऐसा कुछ नहीं होता। मिट्टी के बर्तन में रखा पानी जल्दी ठंडा होता है और देर तक ठंडा रहता है। यह स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। मटके के पानी पीने के कई फायदे भी होते हैं… आइये जानते हैं..
लू नहीं लगती- मटके में रखा पानी पीने और मिट्टी के बर्तन से पानी पीने पर लू नहीं लगती। दावा किया जाता है कि इस बर्तन में स्टोर पानी शरीर में खनिज और ग्लूकोज का स्तर मेनटेन रखते हैं। शरीर ठंडा रहता है। यह हीट स्ट्रोक से बचाव करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी- माना जाता है कि मिट्टी के बर्तनों में रखे गए पानी का इस्तेमाल करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि मटके का पानी पीने से शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
एसिडिटी खत्म होगी, पीएच लेवल मेनटेन रहेगा- माना जाता है कि मटके का पानी पीने से शरीर में जो खराब एसिडिक कण होते हैं, वो इसके इस्तेमाल से बाहर यूरीन तथा पसीने के साथ निकल जाते हैं। यहीं नहीं, मटके का पानी शरीर में सही पीएच लेवल भी मेंटेन करता है।
बीपी काबू में रहता है, त्वचा भी दमकती है- यही नहीं मटके का पानी शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है। साथ ही, मटके का पानी पीने से ब्लड प्रेशर लेवल भी मेंटेन रहता है। रोज मटके का पानी पीने से शरीर में त्वचा संबंधित होने वाली परेशानियां जैसे- फोड़े, फुंसी आदि नहीं होते। इसके अलावा, त्वचा भी दमकती-चमकती रहती है।