पैसे नहीं थे लेकिन कुछ बड़ा करने की तमन्ना थी, बस कंडक्टर के बेटे ने किया 480 करोड़ का बिज़नेस

सफलता की कहानियां अक्सर एक उद्यमी के जीवन के विभिन्न पहलुओं से हमें रुबरु कराती है। भीषण संघर्षों के बीच सफलता का साम्राज्य स्थापित करने वाले लोगों ने कैसे चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया और राह में आने वाली हर एक कठिनाईयों का सामना किया, वह वाक़ई में प्रेरणा से भरी होती। हमारे समाज में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो आरामदायक जिंदगी को त्यागकर बड़े लक्ष्य का सपना देखते और दृढ़ संकल्प से उसका पीछा करते हुए कामयाबी की कहानी लिखते। हमारी आज की कहानी के हीरो संदीप दिवाटे ने परिस्थितियों का सामना करते हुए सफलता की जो मिसाल पेश की, वह युवा उद्यमियों के लिए अनुकरणीय है।

एक निम्न-मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले संदीप के परिवार में चार बहनें, उनके बस-कंडक्टर पिता और उनकी माँ थीं। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उनके पिता ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उनके पूरे परिवार की कड़ी मेहनत की बदौलत ही वह अपने रासायनिक इंजीनियरिंग का अध्ययन करने में कामयाब रहे। उनकी पढ़ाई के लिए अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए उनकी बहन को माँ को मिठाई बनाने और बेचने में मदद करके अपनी पढ़ाई और करियर से समझौता करना पड़ा। अपने बचपन और पढ़ाई के दौरान, संदीप के कई दोस्त बनें, जो धनी परिवारों से थे। अक्सर अपनी जीवन शैली में अंतर को देख संदीप घबरा जाते थे।

केनफ़ोलिओज़ के साथ ख़ास बातचीत में संदीप ने बताया कि “मैंने हमेशा अपने बचपन के दौरान महसूस किया कि मेरे दोस्त अमीर हैं क्योंकि उनके परिवार का व्यवसाय है। कुछ बड़ा करने की जन्मजात इच्छा ने मुझे एक उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया।”

केमिकल इंजीनियरिंग खत्म करने के बाद, संदीप ने प्रबंधन की पढ़ाई करने का फैसला किया। उन्होंने दूरस्थ एमबीए कोर्स के लिए सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया और साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए यूनीलीवर कंपनी में नौकरी भी कर ली। वर्ष 2005 में, संदीप ने एमबीए पूरा किया और 3M नामक एक कंपनी में शामिल हो गए।

साल 2010 तक संदीप 3M में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे। अच्छे पोस्ट पर होने के बावजूद, उद्यमशीलता की भावना उनके अंदर पनप रही थी। साल 2010 में, 7-8 महीने की परेशानी से बचे रहने में सहायता के लिए कुछ पैसे जमा करने के बाद, संदीप ने नौकरी छोड़ने का साहस जुटाया और रिअलिक्स इंडस्ट्रीज के रूप में अपने सपने की नींव रखी।

3M के साथ काम करने के दौरान संदीप को सड़क सुरक्षा प्रणालियों से निपटने का एक अच्छा अनुभव मिला था, जिसने उन्हें अपनी पहली कंपनी के माध्यम से ट्रैफिक सेफ्टी सिस्टम की पेशकश में मदद की। लगभग दो वर्षों तक, उनकी कंपनी ने रेक्सोथर्म ब्रांड के बैनर तले उच्च गुणवत्ता वाले थर्मोप्लास्टिक रोड-मार्किंग पेंट्स का निर्माण किया और इन पेंट्स का उपयोग करके मुंबई हाईवे एक्सप्रेस, यमुना एक्सप्रेस, आदि जैसे कई हाई प्रोफाइल लेन मार्किंग परियोजनाओं को अंजाम दिया। उनकी केमिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि, उनके अनुभव और शानदार संचार कौशल की मदद से रियलिक्स ने दो वर्षों में ही असाधारण परिणाम दिखाए।

वर्ष 2012 में, संदीप – ने एक दोस्त निधि खुल्लर (एक आईटी प्रोफेशनल) के साथ मिलकर एनवायरो सेफ्टी प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक नई कंपनी बनाई – इस कंपनी ने खतरनाक क्षेत्र के अनुप्रयोगों के लिए औद्योगिक स्वचालन, सिस्टम इंटीग्रेशन, वायरलेस और दूरसंचार एकीकरण की पेशकश शुरू की।

एनवायरो सेफ्टी के लॉन्च के बाद, संदीप और निधि ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नवाचारों और औद्योगिक प्रक्रिया से संबंधित स्वचालन और एकीकरण में इंटरनेट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के संयोजन को अपनाया। रियलिक्स एआई-सक्षम कंप्यूटिंग उपकरणों का उपयोग करके औद्योगिक प्रक्रियाओं में जुड़े सेंसर को शामिल करते हुए व्यापक और गतिशील समाधान प्रदान करने वाली बहुत कम कंपनियों में से एक था। कंपनी ने जल्द ही रिफाइनरियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए RIL, BPCL, HPCL, ONGC, BP, ADNOC, आदि जैसे कई क्लाइंट्स से बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स लिए।

साल 2014 में, रियलिक्स ने अंतरराष्ट्रिय बाजार में अपनी मौजूदगी हासिल करते हुए रियलिक्स यूके के साथ इंग्लैंड में दस्तक दी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों को बेहतर कीमत पर अपनी सेवाओं का लाभ उठाने की पेशकश की। उन्हें अंतरराष्ट्रिय स्तर पर भी कई व्यापार प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। स्विट्जरलैंड स्थित एक कंपनी ने रियलिक्स समूह में 200 करोड़ का निवेश किया जिससे आंतरिक रूप से सुरक्षित उपकरणों और सेंसरों के लिए ब्रिटेन में अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा स्थापित करने में मदद मिली। वर्तमान में कंपनी एनवायरो अबूधाबी एलएलसी के माध्यम से मध्य पूर्व में भी अपनी मौजूदगी बना ली है।

वर्तमान में, संदीप के नेतृत्व वाला रियलिक्स समूह सबसे निपुण और बहुमुखी 4G सक्षम AI उपकरण बनाने वाली कंपनियों में से है। यह कंपनी व्यवसायों को डिजिटल परिवर्तन प्राप्त करने और विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी के बेहतर और कुशल उपयोग को सक्षम करने के लिए IoT और IIoT अनुप्रयोगों और बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। रियलिक्स की भारत में सड़क परिवहन क्षेत्र में एक बहुत मजबूत उपस्थिति है। कंपनी ने क्रांतिकारी ‘mVaahan ऐप’ के माध्यम से विशेष रूप से RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों) में फिटनेस निरीक्षण और नए वाहन पंजीकरण जैसी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए विकसित की है। वर्तमान में यह ऐप परिवहन आयुक्त कार्यालयों द्वारा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश राज्यों में स्वीकृत और उपयोग किया जाता है। रियलिक्स समूह ने पिछले वित्त वर्ष में 480 करोड़ रुपये का कारोबार किया।

एक बस कंडक्टर का बेटा और एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में पला-बढ़ा, आज सफलता के जिस पायदान पर है, वह अपने आप में बेमिशाल है। उन्होंने जिस तरह परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी काबिलियत से सही समय पर सही निर्णय के साथ कामयाबी का अनूठा संसार बनाया, वह अनुकरणीय है।

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