Atiq Ahmed News: अतीक अहमद तो खत्म हो गया। लेकिन उसके सताए गए लोगों की लिस्ट लंबी है। पीड़ितों में दो महिलाएं जयश्री उर्फ सूरजकली और पुष्पा सिंह भी हैं। ये दोनों अपनी जान की परवाह किए बगैर अतीक के आतंक के खिलाफ लड़ती रहीं।
कई बार धमकी मिली और हमला भी हुआ: सूरजकली
प्रयागराज के चकिया में सूरजकली के पति बृजमोहन की 6 बीघा जमीन थी। वहीं झलवा इलाके में 12.5 बीघा जमीन थी। यहीं पर उनका मकान था। बात 1989 की है, जब अतीक ने उनकी जमीन का बैनामा अपने नाम करवा लिया। इस बीच उनके पति बृजमोहन गायब हो गए और कुछ पता नहीं चला। जब झलवा की जमीन पर अतीक ने कब्जा किया तो सूरजकली को पूरी चाल समझ आई।
झलवा की जमीन पर शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम से बैनामा करवाया गया। इस समिति में अतीक के करीबी शामिल थे। उन्होंने 1992-93 में गांव वालों के सहयोग से विरोध शुरू किया। इस पर अतीक ने एक बार सूरजकली को अपने घर पर बुलाया। कहा कि तुम्हारा पति अब नहीं रहा। तुम लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी हमारी है। तुम ये जमीन हमारे नाम कर दो। इनकार करने पर उसने पति के पास पहुंचाने की धमकी दी। अतीक का नाम सामने आने पर गांव वालों का भी उतना सहयोग नहीं मिला। फिर भी वह मुकदमा लड़ती रहीं। इस दौरान कई बार हमले भी हुए।
खाली मकान देख अतीक ने कर लिया कब्जा: पुष्पा
दूसरी कहानी प्रयागराज की पुष्पा सिंह की है। उन्होंने कसारी-मसारी इलाके में 22 वर्ग फुट जमीन पर एक कमरा बनवाया था। उनके पति यूपी एग्रो में नौकरी करते थे। उनका तबादला कानपुर हो गया। पूरा परिवार कानपुर चला गया। जब सपरिवार 2007 में लौटकर आए तो पता चला कि मकान तुड़वाकर कब्जा कर लिया गया है। पता चला कि यह कब्जा अतीक अहमद ने करवाया है।
उसके बाद वह धूमनगंज थाने गईं। कई चक्कर लगाए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की। बाद में मौके पर एसडीएम और पुलिस अधीक्षक जांच करने आए। उसके बाद जैसे-तैसे एफआईआर हुई लेकिन मामला दबा रहा। अभी 2021 में कोर्ट से समन आया। तब से वह तीन बार गवाही हो चुकी है।
दूसरे पक्ष से अतीक एक बार ही आए। एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। मुकदमे का हल कब तक होता है, इसका इंतजार है। पुष्पा सिंह का कहना है कि फिलहाल अतीक के साथ जो हुआ, वह लोगों की बददुआओं का ही नतीजा है। दूसरों के साथ जैसा किया, उसका फल उसे मिला।