शतरंज को दिमाग का खेल कहा जाता है. अपनी बेहतरीन चालों से सामने वाले को मात देने वाला ही इस खेल का विजेता कहलाता है. जहां बात दिमाग की आती है तो लोग इसे उम्र से जोड़ने लगते हैं क्योंकि हमेशा से यही माना गया है कि बच्चों के मुकाबले बड़ों में ज़्यादा दिमाग होता है लेकिन इस शतरंज के खेल में कई कम उम्र के भारतीयों ने कमाल किया है. आज हम ऐसे ही छोटी उम्र के शतरंज के सितारों की कहानी आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कौन हैं वो जूनियर चेस सुपरस्टार्स जिनकी कामयाबी ने इतिहास रचने के साथ साथ पूरी दुनिया में भारत की पहचान को मजबूत किया:
1. आर प्रगाननंदा
16 साल के शतरंज खिलाड़ी आर प्रगाननंदा इन दिनों दुनिया भर की मीडिया सुर्खियों में छाए हुए हैं. उन्होंने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में नॉर्वे के वर्ल्ड चैम्पियन मैग्नस कार्लसन को हरा कर इतिहास रच दिया है.
विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्णा के बाद प्रगाननंदा ऐसे तीसरे भारतीय हैं जिन्होंने विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया है. आर प्रगाननंदा अपनी बड़ी बहन वैशाली से प्रेरित हो कर मात्र 3 साल की उम्र से शतरंज खेलने लग गए थे. प्रगाननंदा के पिता रमेशबाबू पोलियो से ग्रसित हैं तथा एक बैंक में कार्यरत हैं.
नार्वे के मैग्नस कार्लसन को हरा कर भले ही चेन्नई के प्रगाननंदा आज सुर्खियों में आए हों लेकिन उन्होंने 2018 में भी इतिहास रचा था. इस साल इन्होंने प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया. इसके साथ ही प्रगाननंदा यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए थे. फिलहाल प्रगाननंदा सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर की सूची में पांचवें स्थान पर हैं.
2. अभिमन्यु मिश्रा
आज भले ही शतरंज की दुनिया में हर तरफ 16 साल के ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगाननंदा की चर्चा हो रही हो लेकिन इस खेल में और भी कई जुनियर्स हैं जिन्होंने भारत के नाम का डंका पूरी दुनिया में बजाया है. आप सबसे कम उम्र के चेस ग्रैंडमास्टर्स की लिस्ट जब देखेंगे तो आपको सबसे ऊपर अमेरिका का झंडा मिलेगा लेकिन इस झंडे के साथ लिखा नाम एकदम हिन्दुस्तानी है. ये नाम है भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा का.
आज से लगभग 8 महीने पहले 12 साल के चेस प्लेयर अभिमन्यू मिश्रा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर दिया था. वे यूक्रेन के सर्गे कर्याकिन का 2002 में बनाया 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ कर दुनिया के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर बने थे. भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिमन्यू मिश्रा ने हंगरी के बुडापेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की थी.
जिस वक्त अभिमन्यू ने यह उपलब्धि हासिल की थी, तब उनकी उम्र 12 साल 4 महीने और 25 दिन थी. वहीं उन्होंने जिस सर्गे कर्याकिन का 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था वह 2002 में 12 साल और 7 महीने की उम्र में दुनिया के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर बने थे.
3. डी गुकेश
जनवरी 2019 में तमिलनाडु के डी गुकेश ने दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन कर इतिहास रच दिया था. उन्होंने 12 साल सात महीने और 17 दिन में यह उपलब्धि हासिल की थी. कमाल की बात ये थी कि उन्होंने अपने ही राज्य के आर प्रागाननंदा का रेकॉर्ड तोड़ा था. प्रगाननंदा जून 2018 में जब ग्रैंडमास्टर बने तब उनकी उम्र 12 साल, 10 महीने, 13 दिन थी. गुकेश ने 17वीं दिल्ली अंतरराष्ट्रीय ओपन शतरंज टूर्नमेंट में अपने ही देश के डीके शर्मा को हराकर अपना तीसरा और अंतिम ग्रैडमास्टर हासिल किया था. इसके साथ ही गुकेश भारत के 59वें ग्रैंडमास्टर बन गए थे.
4. रौनक साधवानी
अक्टूबर 2019 में रौनक साधवानी भारत के 65वें ग्रैंडमास्टर बने थे. आइल ऑफ मैन में फिडे चेस डॉट कॉम ग्रैंड स्विस टूर्नमेंट में 13 साल के रौनक ने पूर्व वर्ल्ड चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक से ट्रेनिंग ली थी.
5. परिमार्जन नेगी
9 फरवरी 1993 को उत्तराखंड में जन्मे परिमार्जन नेगी 2005 में शतरंज का ग्रैंडमास्टर खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बने थे. दुनिया भर में शतरंज के गुरू के रूप में मशहूर परिमार्जन नेगी बचपन में ही अपने परिवार के साथ दिल्ली आ कर बस गए थे. 13 साल की उम्र में वह शतरंज के इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के शतरंज ग्रैंडमास्टर बने थे. नेगी अपने समय में भारत के पहले और दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के शतरंज ग्रैंडमास्टर बने थे.