भारतीय पुरुषों की मर्दानगी को लग गए हैं ये 8 तरह के रोग, नए रिसर्च में हुआ है बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: भारतीय पुरुषों में हाल के दिनों में बढ़ी नामर्दी के पीछे 8 खतरनाक जीन्स शामिल हैं। हैदराबाद के वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने पहली बार ऐसे 8 जीन्स के सेट का खुलासा किया है, जिनके कारण भारतीय पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन में कमी आ रही है। साइंस जर्नल ह्यूमन मोलीक्यूलर जेनेटिक्स ( Human Molecular Genetics) में छपी इस रिपोर्ट उन जीन्स का जिक्र किया गया है। इन जीन्स में म्यूटेशन के कारण पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन कम हो जाता है। जिसके कारण नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है।

8 बिल्कुल नए जीन्स का चला पता
ये एकदम नए प्रकार के जीन्स हैं और इसे अभी तक भारतीय पुरुषों के स्पर्म प्रोडक्शन में कमी के साथ जोड़कर नहीं देखा जाता था। इस रिसर्च टीम में हैदराबाद के सेंट्रर फॉर सेल्यूलर मोलीक्यूरल बायोलॉजी (CCMB), द सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायगोनोस्टिक (CDFD) और ममता फर्टिलिटी हॉस्पिटल के वैज्ञानिक शामिल हैं। CDFD के डायरेक्टर के के तंगाराज ने बताया कि ये जीन्स खराब और पुरुषों में नार्मदी को बढ़ाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि देशभर में इन्फर्टिलिटी के आधा से ज्यादा मामले पुरुषों में कमी के कारण ही होते हैं। CCMB के निदेशक विनय कुमार नंदीकूरी ने बताया कि इस रिसर्च की मदद से पुरुषों में नपुंसकता को रोकने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं

इन खतरनाक जीन्स का नाम भी जान लीजिए
डॉ थंगाराज ने बताया कि इस रिसर्च में कुल 8 जीन्स का पता चला। ये जीन्स हैं BRDT, CETN1, CATSPERD, GMCL1, SPATA6, TSSK4, TSKS and ZNF318। इन जीन्स को अबतक पुरुषों में फर्टिलिटी के पीछे की भूमिका अनजान थी। उन्होंने बताया कि इन जीन्स में कई म्यूटेशन पाए गए हैं। जिसके कारण पुरुषों में नार्मदी की समस्या बढ़ती है।

जीन्स में म्यूटेशन के कारण स्पर्म नहीं बनता
रिसर्च के दौरान टीम ने 8 जीन्स में से शामिल एक जीन CETN1 (Centrin 1) के म्यूटेशन का अध्ययन किया। इसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश की गई कि कैसे ये जीन स्पर्म प्रोडक्शन पर असर डालता है। टीम ने पाया कि CETN1 में म्यूटेशन के कारण सेल्स में डिविजन रुक जाता है जिसके के कारण पर्याप्त मात्रा में स्पर्म नहीं बन पाता है।

दुनिया के 7 में से एक पुरुष नामर्द
गौरतलब है कि दुनिया में हर 7 पुरुष में से एक नामर्द होते हैं। इन पुरुषों में स्पर्म को फिर से बनाने वाली प्रक्रिया प्रभावित होती है। इनमें हार्मोनल असंतुलन भी पाया जाता है। इस रिसर्च के जरिए ये साफ पता चलता है कि समाज में जो इन्फर्टिलिटी के मामले सामने आते हैं वो पुरुषों में कमी के कारण होते हैं और उसके पीछे इन जीन्स का हाथ होता है।

कहां से आते हैं ये जीन्स
रिसर्च में पता चला है कि आम तौर ये जीन्स पुरुषों में माता-पिता से आते हैं। आम तौर पर माताओं से। हालांकि, इसके बाद यह मान लेना गलत होगा कि कोई पैरेंट्स बच्चा पैदा नहीं कर सकता है। इस रिसर्च के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सुधाकर डिगमर्थी ने बताया कि हमने पहले सभी जीन्स के जरूरी हिस्सों को सिक्वेंस में किया (करीब 30,000)। इसके बाद नेक्स्ट जेनरेशन सिक्वेंशिंग में हमने 47 इन्फर्टाइल पुरुषों में इसका परीक्षण किया। इसके बाद हमने देश के अलग-अलग हिस्से के करीब 1,500 नपुंसक पुरुषों में इन बदलाव को आजमाया और रिजल्ट पॉजिटिव आया।